Faridabad News : जीवनशैली में बदलाव आैर एक्सरसाइज से दूर होने की प्रवृत्ति के कारण बच्चों में मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ रही है। बढ़ता मोटापा बच्चों में न केवल डायबीटीज, हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों का संकेत दे रहा है, बल्कि उनके करियर और सोशल लाइफ में भी मुसीबत बन रहा है। इसकी पुष्टी स्वंय इंडियन मेडिकल रिसर्च की रिपोर्ट करती है। यह कहना है सेक्टर 16ए मेट्रो अस्पताल के वरिष्ठ बैरिएट्रिक सर्जरी विभाग डायरेक्टर डॉ बीडी पाठक का। पिछले दिनों एक सेमिनार में उन्हाेंने यह जानकारी दी। उन्हाेंने कहा कि इसकी पुष्टी स्वंय इंडियन मेडिकल रिसर्च की रिपोर्ट करती है।
डॉ. बीडी पाठक ने कहा कि मोटापे की शिकायत पहले बड़े व बूढ़ों में होती है लेकिन धीरे- धीर अब बच्चे भी मोटापा के शिकार हो रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताकि सरकारी स्कूलों के 12 प्रतिशत बच्चे मोटापाग्रस्त हैं तो निजी स्कूलों में 29 प्रतिशत बच्चे मोटापे की परेशानी झेल रहे हैं। डा. पाठक ने कहा कि इंडियन मेडिकल रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली एनसीआर में सरकारी स्कूलों में 12 प्रतिशत बच्चे मोटापाग्रस्त हैं। निजी स्कूलों की स्थिति और खराब है। कारण साफ है कि अधिकांश बच्चे अधिक समय टीवी तथा कंप्यूटर इस्तेमाल करने में बिताते हैं। ऐसे में बच्चों को घूमने, फिरने तथा व्यायाम करने का पर्याप्त समय नहीं मिलता। साथ ही बच्चों में मोटापा पनपने का कारण जंक फूड का सेवन करना है। इससे कैलोस्ट्राल की मात्रा बढ़ जाती है। बदलती जीवनशैली के कारण शुरू से ही वजन बढ़ता जाता है, जो बाद में गंभीर बीमारियों का कारण बनता है।
उन्हाेंने कहा कि मोटापा कई गंभीर बीमारियों का कारण बनता है। मोटापा जोड़ों का दर्द, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कैंसर तथा हृदयघात का कारण हो सकता है। जोड़ों के दर्द के रोगियों के लिए मोटापा बड़ी मुसीबत है। माेटापे में बैरिएट्रिक सर्जरी बेहद कामयाब है। पिछले दिनों दिल्ली में एक 14 साल के बच्चों वजन कम किया गया। बच्चे का वजन करीब 200 किलो था। आपरेशन के बाद बच्चा अब पूरी तरह स्वस्थ है। लोगों को जागरुक होकर इस तकनीक का भाग लेना चाहिए।
इन बातों पर खास ध्यान देने की जरूरत
– नियमित रूप से प्रतिदिन व्यायाम करें।
– जीवनशैली बदलें।
– वजन को नियंत्रित करने पर ध्यान दें।
– छाती में दर्द होने या सांस फूलने पर लापरवाही न बरतें, तुरंत विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करें।
– मोटे व्यक्ति के लिए हृदयाघात की आशंका भी अधिक रहती है।