February 20, 2025

काले बिल्ले लगाकर सरकार की वायदा खिलाफी के खिलाफ की विरोध सभाएं

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Faridabad News, 02 July 2019 : नगरपालिका कर्मचारी संघ, हरियाणा के ऐलान पर प्रदेश की 61 नगरपालिकाओं, 16 परिषद व दस नगर निगमों के 32 हजार कर्मचारियों ने काले बिल्ले लगाकर सरकार की वायदा खिलाफी के खिलाफ की विरोध सभाएं। संघ के राज्य प्रधान नरेश कुमार शास्त्री ने आज नगर निगम मुख्यालय पर सरकार के विरोध में आयोजित विरोध सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार ने यदि विधानसभा चुनावों के घोषणा पत्र में किए गए वायदों तथा 20 मई को संघ और सरकार के बीच हुई बैठक में लिए गए निर्णयों को लागू नहीं किया और कर्मचारियों से किए हुए वायदों और उनकी मांगों को नजर अंदाज किया तो इसका खामियाजा उनको निकट भविष्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में भुगतना होगा। श्री शास्त्री ने कहा कि सरकार फायर विभाग में 1046 फायर आपरेटरों की भर्ती को तुरन्त रद्द कर, वायदे के अनुसार ठेकेप्रथा में कार्यरत 1366 ड्राईवर व फायरमैनों को विभाग के रोल पर समायोजित करने की मांग को लेकर 7 जुलाई को शहरी स्थानीय निकाय मंत्री के आवास पर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपेगे। इसके बाद 9 व 10 जुलाई को प्रदेश के सभी शहरों में झाडू प्रदर्शन कर सरकार के कर्मचारी एवं दलित विरोधी चेहरे को जनता में उजागर करेगें तथा 17 जुलाई को सभी जिला उपायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे जाएगें। इसके बाद सरकार की हठधर्मिता के विरोध में 24 जुलाई से 25 जुलाई तक 24 घंटे की सामूहिक भूख हड़ताल करेगें। पूरे प्रदेश में कल 3 जुलाई को काले बिल्ले लगाकर विरोध सभाएं की जाएगी। आज की विरोध सभा में विशेष रूप से सर्व कर्मचारी संघ, हरियाणा के मुख्य संगठनकर्ता विरेन्द्र डंगवाल व सीआईटीयू के राज्य नेता श्रीपाल भाटी ने अपने-अपने संगठनों की ओर से पालिका कर्मचारियों के आन्दोलन व मांगों का समर्थन किया। आज की विरोध सभा की अध्यक्षता नगरपालिका कर्मचारी संघ, हरियाणा के जिला प्रधान गुरचरण खाण्डिया ने की तथा मंच का संचालन संघ के जिला उपप्रधान श्रीनंद ढकोलिया ने किया।

श्री शास्त्री ने सरकार पर सफाई कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में 2017 से 2019 तक सीवरमैन कर्मचारियों की 29 मौतें हो चुकी है, लेकिन आज तक 29 मृतक सीवर कर्मचारियों को न तो उचित मुआवजा मिला है और न ही न्याय मिला है। उन्होंनेे कहा कि रोहतक बेरी रोड़ पर जनस्वास्थ्य विभाग के डिस्पोजल में मारे गए चारों मृतक कर्मचारियों के परिजनों को सरकार नियमित रोजगार व 20-20 लाख रूपए का मुआवजा दिया जाए तथा दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाए।

इन मांगों को पूरा करने का सरकार ने दिया था भरोसा
नगरपालिका, परिषद और निगमों में ठेकाप्रथा में कार्यरत सफाई कर्मचारी, सीवरमैन, फायर मैनों व ड्राईवरों तथा तृतीय व चतुर्थ श्रेणी में कार्यरत कर्मचारियों को ठेकाप्रथा से मुक्त कर विभाग के रोल पर रखने, सभी कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, एक्सग्रेसिया पॉलिसी को बहाल करने, पार्ट-वन, पार्ट-टू में लगे कर्मचारियों के ईपीएफ व ईएसआई की राशि में हुए घोटाले की जांच स्टेट विजीलैंस से करवाने, समान काम-समान वेतन देने व अन्य मांगों पर सहमति हुई थी।

आज की विरोध सभा को अन्य के अलावा कर्मी नेता नानकचंद खैरालिया, बलवीर सिंह बालगुहेर, सोमपाल झिझोटिया, जितेन्द्र, विनोद घरौंड़ा, महेश फौगाट, नरेश भगवाना, माया, ललिता, शकुन्तला आदि ने भी कर्मचारियों को सम्बोधित किया।

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