Faridabad News : सेक्टर-12 स्थित कनवेंशन सेंटर में चल रहे तीसरे संभार्य थियेटर फेस्टिवल में शुक्रवार को रबड़ी नाटक का मंचन किया गया। कलाकारों ने रबड़ी नाटक के माध्यम से किराये की कोख का दर्द बयां किया। गरीबी के चलते एक मां अपनी कोख को बेच कर कैसे पैसे कमाती है इसका भी जिक्र नाटक में बखूबी किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बीजेपी के जिला सचिव बिजेंद्र नेहरा, बीजेपी युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी, संभार्य फाउंडेशन के लाईफ मैंबर और पार्षद नरेश नंबरदार मौजूद रहे।
संभार्य थियेटर फेस्टिवल संभार्य फाउंडेशन और फरीदाबाद इंडस्ट्री असोसिएशन मिल कर आयोजित कर रहे है। शुक्रवार को केएल थियेटर ग्रुप सिरसा के कलाकारों ने रबड़ी नाटक पेश किया। रबड़ी नाटक के निर्देशक करण लाढा है। नाटक के माध्यम से किराये की कोख का दर्द बखूबी दिखाया गया। ये नाटक एक पत्थर तोड़ने वाली महिला झमकू की कहानी है। जिसकी एक दिव्यांग बेटी होती है और वो उसे पढ़ाना- लिखाना चाहती है। लेकिन गरीबी के कारण वो यह सब करने में असमर्थ है। एक दिन झमकू किसी के कहने पर अपनी बेटी की पढ़ाई के खर्चे के लिए सैरोगेसिस मां बनने का फैसला लेती है और डॉक्टर से मिलती है। सभी मेडिकल टेस्ट के बाद उसे सैरोगेसिस मां बनने के लिए चुन लिया जाता है। नौ महीने बाद झमकू को लड़की होती है लेकिन वह भी पहले बच्चे की तरह दिव्यांग होती है। जिसकी वजह से उस बच्ची के मां बाप उसे अपनाने से मना कर देते है। जब इस बात का झमकू को पता चलता है तो बड़ी हिम्मत के साथ उस लड़की को अपनाकर उसे भी अपनी पहली बेटी की तरह पढ़ाने- लिखाने का हर प्रयास करती है। नाटक में आशना अरोड़ा, दिव्या, यशस्विनी, सीमा, नितिन, राहुल वर्मा, नीरज ने अहम भूमिका निभाई। लाइट्स पर पवनदीप और म्यूजिक पर करण लाढा ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। बैक स्टेज सहायक के तौर पर रोहित भार्गव ने भी प्रयास किया। शनिवार को फेस्टिवल में आदित्य कृष्ण मोहन द्वारा निर्देशित नाटक लुका छुपी का मंचन किया जाएगा।