Faridabad News, 02 Oct 2019 : फरीदाबाद के सेक्टर 37 में श्री रामलीला सेवा समिति द्वारा आयोजित रामलीला में मंगलवार रात के मंचन में भगवान राम के विवाह के बाद अध्योया लौटने के बाद राज्य अभिषेक की तैयारियों के बीच दासी मंथरा के रचे षड्यंत्र के तहत उनका वनवास गमन के प्रसंग का मंचन हुआ। उनके साथ माता सीता व भ्राता लक्ष्मण को भी जात देखकर दर्शकों के नेत्र छलक आए।
महाराज दशरथ का जनकपुरी से अपने चारों बेटों व बहुओं के साथ अयोध्या लौटने पर स्वागत किया गया। पूरे राज्य में खुशियां मनाई जा रही थीं। तीनों रानियां कौशल्या, सुमित्रा और कैकेई अपने बेटों और बहुओं को देख फूली नहीं सीमा रही थीं। राजा दशरथ ने अब तय किया कि वे राजपाट से मुक्त होकर राजगद्दी पर परंपरा के अनुसार बड़े बेटे राम को ही बैठाने का निश्चय लिया तो सभी ने इस पर सहमति जताई। इधर राजा की सबसे प्रिय रानी कैकेई की कुबड़ी दासी मंथरा के दिमाग में और ही कुछ चलता है। वह कैकेई को भडक़ाती है कि राम को राज्य मिल गया तो कौशल्या राजमाता कहलाएगी और तुम्हारा कोई महत्व ही नहीं रह जाएगा। राजा तुम्हें सबसे ज्यादा पसंद करते हैं तो तुम अपने बेटे भरत के लिए राजगद्दी क्यों नहीं मांगती। कैकेई भी बहकावे में आ जाती हैं और कोपभवन में बैठ जाती है। राजा दशरथ को जब इस बात का पता चलता है तो वे दौड़े-दौड़े आते हैं। कैकेई उनसे अपने पुराने वचनों को मांगने की बात कहती हैं। दशरथ आज्ञा देते हैं तो पहला वचन पर मांगती हैं भरत को राजा बनाने का और दूसरा राम को चौदह वर्ष का वनवास। राजा दशरथ के तो प्राण निकल जाते हैं। वे कैकेई को मनाते हैं, लेकिन वे मानती नहीं। राजा दुखी मन से यह बात सबको बताते हैं तो पूरे अयोध्या में मातम छा जाता है। इधर राम मां की आज्ञा का पालन मानकर वनवास जाने को तैयार हो जाते हैं। इस प्रसंग के द्वारा संदेश दिया गया कि पुराने समय में जिस तरह से माता-पिता व गुरुजनों का आदर-मान रखते थे, उसी प्रकार आज भी किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर श्री रामलीला सेवा समिति के संरक्षक अर्जुन वालिया, चेयरमैन ज्ञानचंद भडाना व प्रधान अनिल कुमार (कल्लू), वरिष्ठ उपप्रधान संजय गर्ग व अजय बंसल, महासचिव विशाल वालिया, सह सचिव अजय गोयल, कोषाध्यक्ष श्याम सुंदर जेटली, सह कोषाध्यक्ष नरेंद्र शर्मा, मीडिया प्रभारी सुनील छाबड़ा, निर्देशक दीपक सेवरा व मंच संचालक रामप्रकाश तथा संजय सिंगला रामलीला मंचन का कार्यभार बखूबी निभा रहे हैं।