रामकथा से मिलता है जीवन में व्यवहार का ज्ञान : पंडित नीरज शर्मा

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Faridabad News, 23 Oct 2020 : जैसे-जैसे दिन बीतता जा रहा है श्रीराम कथा की गूंज दूर-दूर तक फैल रही है। लोग दूर-दूर से सेक्टर 52 दशहरा मैदान में टीम पंडित जी द्वारा आयोजित श्रीराम कथा में आ रहे हैं। एनआईटी फरीदाबाद के विधायक पंडित नीरज शर्मा के मुखारवृन्द से जो रामकथा हो रही है, वह लोगों में कौतुहल पैदा कर रही है। श्रीराम कथा के छठें दिन कथावाचक पंडित नीरज शर्मा ने भ्राता भरत के जीवन पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि भरत जैसा चरित्र अतुलनीय है। भरत तो त्रेतायुग में ही अवतार लिया करते है, भरत धर्म के पर्याय हैं व आदर्श स्वरूप हैं। भगवान दर्शन का फल भरत दर्शन से मिल जाता है। विश्व के इतिहास का पहला ऐसा देश, जहां बिना राजा के 14 वर्ष तक पादुकाओं से राज पाठ चला और अयोध्या में तिनका भी नहीं हिला। पंचवटी से लेकर सीता जी के अपहरण तक की कथा को बेहद रोचक ढंग से बताया। उन्होंने कहा कि श्रीराम कथा के श्रवण मात्र से व्यक्ति के समस्त पापों के शमन हो जाता है। कथा के बीच-बीच में प्रभु श्रीराम के मधुर भजनों को सुन कर भक्त मंत्रमुग्ध हो उठे।

शबरी और भगवान राम के बीच हुए प्रसंग पर कथावाचक पंडित हरिमोहन गोस्वामी जी ने कहा कि पूरे प्रसंग में मां और बेटे के बीच वात्सल्य प्रेम साफ झलकता है। जब भगवान श्री राम को शबरी ने देखा तो उसके मन में अटूट प्रेम उमड़ा। भगवान श्री राम ने भी शबरी से मिलकर कौशल्या मां से मिलने जैसे प्रेम महसूस किया। प्रभु ने जब शबरी के जूठें बेर खाए तो कहा भी इतने सुन्दर बेर मुझे जनकपुर में भी खाने को नहीं मिले थे। उन्हेांने अपने प्रवचन में कहा कि वास्तव में रामायण के सभी प्रसंग हमें जीवन में संयमित रहकर जीवन जीने की कला की सीख देते है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मनुष्य को नियमित रूप से रामायण के रस का पान करना चाहिए।

सबसे खास बात यह है कि इस श्रीराम कथा को ऑनलाइन भी लाखों लोग देख-सुन रहे हैं। कई न्यूज चैनलों पर इसका पुनः प्रसारण हो रहा है। कथा के बीच-बीच में और आखिर में आरती के समय समाज के अलग-अलग क्षेत्रों के गणमान्य व्यक्तियों का सम्मान भी किया जा रहा है।

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