February 19, 2025

शहर में रामलीलाओं का शानदार आगाज, ताड़कासुर का वध

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Faridabad News : कैलास पर्वत पर भगवान भोलेनाथ से चंद्रहास तलवार प्राप्त करने, रावण-वेदवती प्रसंग और श्रवण कुमार वध के प्रसंग के साथ पॉश सेक्टर-15 में श्री श्रद्धा रामलीला कमेटी के मंच पर रामलीला का आगाज हुआ। इस रामलीला के मंच की एक और खास बात यह रहती है कि पहले दिन उद्घाटन की कोई औपरिकता नहीं निभाई जाती, ताकि रामलीला देखने आए दर्शकों को लंबा इंतजार न करना पड़ा।

भव्य मंच पर निर्देशक अनिल चावला के निर्देशन में रामलीला की शुरुआत कैलास पर्वत पर विराजमान भगवान शिव-पार्वती के ²श्य से हुई। इस दौरान लंका नरेश रावण वहां से गुजरते हैं। रावण को अपनी भुजाओं की ताकत का अभिमान होता है और पर्वत को अपने रास्ते से हटाने के लिए जोर आजमाइश करते हैं, पर विफल रहते हैं। अंत में वह अपनी भूल स्वीकार करते हुए भगवान शिव से क्षमा मांगते हैं। भोलेनाथ उन्हें प्रसन्न होकर चंद्रहास तलवार भेंट करते हैं, साथ ही चेतावनी देते हैं कि गलत मंशा से अगर इसका प्रयोग किया गया, तो उन पर विपत्ति आन पड़ेगी।

चंद्रहास प्राप्त कर रावण जंगल से गुजरते हैं और वेदवती के अनुपम सौंदर्य पर मोहित हो जाते हैं। वेदवती के मना करने पर भी रावण उनका हाथ पकड़ते हैं। वेदवती लंका नरेश को श्राप देकर प्राण त्याग देती हैं। इसके बाद श्रवण कुमार द्वारा अपने नेत्रहीन माता-पिता की आंखों की ज्योति लाने के लिए उन्हें तीर्थ स्थल पर ले जाते हैं। यहां जंगल में नदी से पानी भरते हुए वह राजा दशरथ के तीर से घायल हो जाते हैं और प्राण त्याग देते हैं। इस पर श्रवण कुमार के माता-पिता राजा दशरथ को श्राप देते हैं।

भगवान शिव की भूमिका में रितेश, पार्वती बनी रूषाली ग्रोवर, रावण के चिरपरित अंदाज में श्रवण चावला, श्रवण कुमार व उनके माता-पिता शांतनु-ज्ञानवती की भूमिका में कशिश, कैलाश चावला व तान्या भाटिया, नंदी के रोल में सुकांत भारद्वाज, दशरथ की भूमिका में अजय खरबंदा, वेदवती के रूप में योगंधा वशिष्ठ, गुरु वशिष्ठ बने मंगल सेन अरोड़ा ने अपनी किरदार के साथ न्याय किया। आए हुए दर्शकों का स्वागत चेयरमैन कैप्टन एम.एल.सचदेवा, प्रधान राकेश आहूजा, वरिष्ठ उपप्रधान शैलेंद्र गर्ग, उपप्रधान विवेक कुमार ने किया।

विजय रामलीला कमेटी के मंच पर ताड़का वध प्रसंग का मंचन हुआ। एनआइटी की आंचलिक भाषा बन्नूवाली व कोहाट में साडी चाची ताड़का मार दी, चाची ताड़का दा स्यापा रात डू वज के साढ़े 13 मिनट तो होयेगा संवादों के साथ कलाकारों ने दर्शकों को आनंदित किया।

चेयरमैन सुनील कपूर ने बताया कि किशोरावस्था में राम-लक्ष्मण की भूमिका दीपक वधवा और चिराग मल्होत्रा, ताड़का की भूमिका में राहुल अरोड़ा, राजा दशरथ-अजय सागर, गुरु विश्वामित्र-नवीन अरोड़ा के अलावा राक्षसों की भूमिका में रघुनाथ शर्मा, टेक चंद नागपाल नजर आए।

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