सर्व धर्मों में परमात्मा शिव की मान्यता और सम्मान भाव

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फरीदाबाद। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के वरदानी भवन सेक्टर 21D में 86वीं शिव त्रिमूर्ति जयंती के उपलक्ष्य में सर्व धर्म सम्मेलन’ का आयोजन हर्षोल्लास से किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सभी धर्मों के प्रतिनिधि स्वामी अग्निवेश, मुफ्ती मुस्तजाब उद्दीन, सरदार हरदीप सिंह तथा फादर मोबिन मिसपिल्ड पधारें। साथ ही फरीदाबाद के अन्य सेवा केंद्रों की संचालिका बहनें राजयोगिनी बीके ऊषा दीदी, बीके हरीश दीदी, बीके प्रीति दीदी, बीके मधु दीदी और बीके ज्योति दीदी उपस्थित रहे। इस अवसर पर आईटीएटी न्यायाधीश माननीय संदीप गोसाई ने सभी को शिवरात्रि पर्व की शुभकामनाएं दी।

कार्यक्रम में पधारे सभी धर्म प्रतिनिधियों ने एक स्वर में यह बात कहीं ईश्वर एक है और हम सभी आत्माएं उस एक पिता की संतान हैं। सर्व धर्म सम्मेलन में वैदिक धर्म की ओर से सहभागी स्वामी अग्निवेश ने कहा कि वो ईश्वर निराकार, सत्यम, अजन्मा, अयोनी व कल्याणकारी है तथा हम सभी प्राणियों का सबसे बड़ा धर्म मानवता का धर्म है। स्वामी जी ने बताया कि ये ब्रह्माकुमारी बहनें राजयोग के द्वारा मानवता का पाठ पढ़ाती है। उन्होंने योग की विभिन्नताएं बताते हुए बताया कि राजयोग मात्र ऐसा योग है जो सर्वोच्च वा उत्कृष्ठ है जिसके द्वारा ही हम अपने कर्मों पर जीत प्राप्त करके परमात्मा से संबंध जोड़ सकते है।

सम्मेलन में इस्लाम धर्म की ओर पधारें से प्रतिनिधि मुफ्ती मुस्तजाब उद्दीन ने कहा कि सभी धर्मों का मूल मंत्र एक पिता की संतान एक होकर प्रेम व भाईचारे से रहे। उन्होंने बताया कि हम सभी का इबादत करने का तरीका अलग अलग हो सकता लेकिन हम सभी एक खुदा के बंदे है।

कार्यक्रम में सिक्ख धर्म के प्रतिनिधि सरदार हरदीप सिंह ने एक ओंकार सतनाम अकालमूर्त…. का अर्थ स्पष्ट करते हुए बताया कि वह परमात्मा निराकार, अजन्मा, निर्वेर व अकालमूर्त है। वो किसी से वैर नहीं करता। सभी को समान प्यार करता है। वह जन्म मरण मे नही आता है तथा उसे कभी काल नही खाता है।

दिल्ली कैथोलिक चर्च के पादरी मोबिन मिसपिल्ड ने स्पष्ट किया कि इस दुनिया में इशु नामक महान आत्मा का जन्म हुआ जिन्होंने मानवता के प्रति सभी को दया का पाठ पढ़ाया। दूसरों के दुख को अपना दुख समझ कर उनको सहयोग करना ही श्रेष्ठ धर्म है।

फरीदाबाद सेवाकेंद्र की मुख्य संचालिका ब्रह्माकुमारी उषा दीदी ने अपने संदेश में कहां कि हम सब एक, हमारा पिता एक है, विश्व एक है और विश्व एक पिता की संतान है अतः सारा संसार हमारा परिवार है। ब्रह्माकुमारीज संपूर्ण परिचय देते हुए बीके रंजना दीदी ने संस्था के विभिन्न गतिविधियों तथा सेवाओं के बारे में अवगत कराया साथ ही परमात्म अवतरण के 86 वर्ष पूर्ण होने की जानकारी से अवगत कराया।

इस धर्म सम्मेलन में राजयोग का महत्व बताते हुए अनेक सांस्कृतिक नाटकीय प्रस्तुतीकरण के द्वारा ‘राजयोग के प्रभाव’ को भी दर्शाया गया और ईश्वरीय ध्वजारोहण कर स्वशक्तिकरण करने हेतु प्रतिज्ञा कराई गई। वरदानी भवन सेक्टर 21D की संचालिका बीके प्रीति दीदी ने पधारे सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापन किया। मंच संचालन माउंट आबू से पधारी बीके डॉ मेधावी दीदी ने किया।

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