Faridabad News, 22 June 2020 : मंडलायुक्त संजय जून ने अपने आवास स्थित कार्यालय में उपायुक्त यशपाल व सभी इंसीडेंट कमांडर के साथ मीटिंग की तथा जिला में कोविड-19 की परिस्थितियों के मद्देनजर प्रशासन द्वारा की जा रही तैयारियों की समीक्षा की।
मंडलायुक्त ने कहा कि सभी इंसिडेंट कमांडर अपने एरिया में कोविड-19 से संबंधित मरीजों के लिए व्यापक स्तर पर संसाधन तैयार रखें।
भारत सरकार व हरियाणा सरकार की ओर से समय-समय पर गाइडलाइन जारी की जा रही हैं इन गाइडलाइन के अनुसार सभी व्यवस्थाएं व प्रबंध समय पर सुनिश्चित हो।
उन्होंने कहा कि होम क्वॉरेंटाइन करने वाले मरीज के संबंध में यह पता अवश्य लगाया जाए कि मरीज के घर में क्वॉरेंटाइन रहने की उचित व्यवस्था है या नहीं। अगर उसके घर में क्वॉरेंटाइन की उचित सुविधा नहीं है तो ऐसे मरीजों को कोविड केयर सेंटर में रखा जाए।
उन्होंने कहा कि सभी इंसिडेंट कमांडर अपने एरिया में कंट्रोल रूम को पूरी तरह एक्टिव रखें तथा लोकल कमेटियों से आने वाली सूचनाओं का रिकॉर्ड्स रखते हुए इसकी सूचना जिला कंट्रोल रूम में भी भेजना सुनिश्चित करें।
मंडलायुक्त ने कहा कि सभी इंसीडेंट कमांडर अपने एरिया से संबंधित मामलों के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से भी निरंतर समन्वय स्थापित करते रहें। बैठक में उपायुक्त यशपाल ने बताया कि जिला में अलग-अलग जोन बनाकर कोविड-19 के मद्देनजर आठ इन्सीडेटं कमाण्डर लगाए गए हैं। उपायुक्त ने कोविड-19 की टेस्ट प्रक्रिया, साधारण बेड व ऑक्सीजन सुविधा से युक्त बेड की संख्या तथा वेंटिलेटर की उपलब्धता बारे विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उपायुक्त ने कहा कि जिला के जिस भी एरिया में कोविड-19 के पोजिटिव केस सामने आ रहे हैं, उन इलाकों को कंटेनमेंट घोषित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिले को 8 जोन में बांटा गया है तथा सभी जोन में एक-एक इंसीडेंट कमांडर नियुक्त किया गया है। इंसिडेंट कमांडर के नीचे निगरानी समिति, सेक्टर समिति तथा लोकल समिति गठित की गई है। यह सभी समितियां जोन लेवल पर बनाए गए कंट्रोल रूम में अपनी प्रतिदिन की रिपोर्ट भेज रही हैं। इन सभी रिपोर्ट को एरिया वाइज जिला कंट्रोल रूम को भेजा जा रहा है, जहां से पूरे जिले का डाटा इकट्ठा किया जाता है तथा इसी के आधार पर सभी प्रबंध सुनिश्चित किए जा रहे हैं। कंटेनमेंट जोन बनाने के लिए इंसीडेंट कमांडर को तुरंत कार्रवाई करनी होती हैं। उन्होंने बताया कि जिस पाजिटिव मरीज में सिस्टम नहीं है उसे 10 दिन के लिए होम क्वॉरेंटाइन किया जाता है। अगर 10 दिन तक सिम्टम नहीं आते तो मरीज का क्वॉरेंटाइन पीरियड पूरा मानकर उसे बाहर निकलने की इजाजत दी जाती है। इसके अलावा जिस मरीज में सिस्टम है तथा 10 दिनों के क्वॉरेंटाइन पीरियड के अंतिम 3 दिन कोई सिम्टम नहीं है तो उस मरीज को क्वॉरेंटाइन पीरियड से बाहर कर दिया जाता है। यह सभी निर्णय इंसीडेंट कमांडर स्वयं ले सकते हैं।
बैठक में एसडीएम फरीदाबाद अमित कुमार, एसडीएम बल्लभगढ़ त्रिलोक चंद, एसडीएम बङखल पंकज सेतिया, जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ कृष्ण कुमार, बीडीपीओ तथा नायब तहसीलदार उपस्थित थे।