फरीदाबाद, 8 सितंबर। राजकीय बालिका वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एनआईटी नंबर 2 में बुधवार को स्वीप गतिविधियों के तहत जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में स्कूली छात्राओं ने निबंध प्रतियोगिता के जरिए मतदान मतदान के महत्व को बताया। स्वीप कोऑर्डिनेटर डॉ एमपी सिंह ने बताया कि निबंध प्रतियोगिता में सेजल राय प्रथम, तनु द्वितीय, प्रीति कुमारी तृतीय स्थान पर रही। स्लोगन राइटिंग मे श्वेता सिंह प्रथम, चंदा द्वितीय, पूजा शर्मा तृतीय रही। भाषण प्रतियोगिता मे तनु प्रथम, सिमरन द्वितीय, सुहानी तृतीय रही। इस अवसर पर सेजल राय ने कहा कि चुनाव शब्द दो शब्दों को मिलाकर बना है चुन और नाव I चुनाव की प्रक्रिया के तहत जनता एक ऐसे नेता रूपी नाव को चुनती है जो जनता को विकास की वैतरणी पार करा सके। उन्होंने कहा कि भारत में चुनावों का इतिहास पुराना है। देश में पहले जब राजा और सम्राटों का राज था उस समय भी चुनाव होते थे राजा और सम्राट लोग भावी शासक के रूप में अपने पुत्रों का चुनाव कर डालते थे। उदाहरण के तौर पर राजा दशरथ ने अपने जेष्ठ पुत्र श्री राम का चुनाव किया था। सम्राटों द्वारा ऐसी चुनावी प्रक्रिया में जनता का कोई रोल नहीं होता था देश को जब आजादी नहीं मिली थी और भारत में अंग्रेजी शासन का बोलबाला था उन दिनों भी चुनाव होते थे। तत्कालीन नेता अपना चुनाव खुद ही कर लेते थे। बाद में देश को आजादी मिलने का परिणाम यह हुआ कि जनता को भी चुनावी प्रक्रिया में हिस्सेदारी का मौका मिलने लगा। नेता और जनता दोनों आजाद हो गए और जनता को वोट देने की आजादी मिली। उन्होंने कहा कि नेता को वोट लेने की बोट लेन देन की इसी प्रक्रिया का नाम चुनाव है। जो लोकतंत्र के स्टेटस को मेंटेन करने के काम आता है। तनु ने कहा कि हमारा देश दो दशकों तक अंग्रेजों का गुलाम रहा। अंग्रेजों ने देश में बहुत अत्याचार किए जब देश आजाद हुआ तो हमारे देश की स्थिति अत्यंत दयनीय थी। देश में बहुत जातिवाद अंधविश्वास फैला हुआ था। ऐसे में हमारे देश में एक ऐसे व्यक्ति के नेतृत्व की जरूरत थी जिससे हमारा देश प्रगति करें। उन्होंने कहा कि विभिन्न भाषाएं विभिन्न रीति रिवाज इन सब को लेकर रचना किसी भी सरकार के लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य था। हमारे देश में पहली बार लोकसभा का चुनाव 1952 हुआ था। हमारे देश में चुनाव का बहुत महत्व है चुनाव एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें हमारे देश की जनता को उसमें मदद करनी पड़ती है जिससे कि सही प्रतिनिधि चुना जा सके यह प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में की जाती है। चुनाव आयोग चुनाव को निष्पक्ष तरीके से करवाता है। जो व्यक्ति चुनाव लड़ता है चुनाव आयोग उसकी पूरी जानकारी रखता है। चुनाव में सभी राजनीतिक दल अपनी पार्टी का प्रचार और प्रसार करते हैं ताकि देश की जनता उनसे प्रभावित होकर उन्हें विजई बनाएं। लोकसभा का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है तथा राज्यसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है। भारत में 18 वर्ष की आयु वोट देने के लिए निर्धारित की गई है जिसे वयस्क मताधिकार के नाम से जाना जाता है चुनाव आयोग चुनाव की तिथि निकालते हैं फिर उस दिन देश की जनता अपने उम्मीदवार को वोट देती है। इस अवसर पर गणित के प्रवक्ता मनोज कुमार ,राजनीति विज्ञान की प्रवक्ता गीतेश, हिंदी की प्रवक्ता राजवती, अंग्रेजी की प्रवक्ता विमलेश, मुकेश और अनीता मुख्य रूप से उपस्थित रहे तथा सभी ने अपने चुनावी अनुभव साझा किए।