Faridabad News, 02 Nov 2018 : दिल्ली में केजरीवाल सरकार द्वारा हाईटेक बना दिए गए सरकारी स्कूलों को देखने जा रहे हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने आग्रह किया है कि वे दिल्ली सरकार से यह भी जानकारी ले कि उसने निजी स्कूलों की लूट खसौट व मनमानी पर किस प्रकार से अंकुश लगाया है जिसके कारण जहां एक ओर दिल्ली के अभिभावकों को पिछले पांच साल में उनसे वसूली गई अवैध फीस वापस मिली है तो दूसरी ओर आगे फीस बढ़ोतरी पर रोक लगी है।
मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि सरकार की नीति व नीयत सही हो तो हरियाणा में भी शिक्षा के व्यवसायीकरण पर रोक लग सकती है। लेकिन जब राज्य का मुख्यमंत्री उस विषय पर बात करने गए छात्र व अभिभावकों से यह कहे कि बच्चों के भविष्य की खातिर प्राइवेट स्कूल संचालकों से समझौता कर लो और शिक्षा मंत्री से जब यह पूछा जाए कि अधिकांश प्राइवेट स्कूल भाजपा नेताओं के हैं तो वे यह कहें कि ‘‘भाजपा वालों के भी बाल बच्चे हैं उन्हें भी कमाने का है’’ तब ऐसे में ऐसी सरकार से क्या उम्मीद की जा सकती है। वैसे भी इस सरकार की उपलब्धि के चार साल के रिपोर्ट कार्ड में सरकारी स्कूलों में सुधार करने व शिक्षा के व्यवसायीकरण पर रोक लगाने के बारे में एक भी शब्द नहीं है।