Faridabad News, 26 Dec 2020 : दयालबाग स्थित सूरजकुंड इंटरनेशनल स्कूल के विद्यार्थियों व शिक्षकगण ने ऑनलाइन के माध्यम से क्रिसमस को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया। प्रीप्राइमरी विंग के बच्चों ने सेंटा के रूप में सज-धजकर जिंगल बेल की धुनों पर घर से ही मनमोहक प्रस्तुतियां देकर सभी का मन मोह लिया। प्राइमरी विंग के बच्चे भी क्रिसमस के रंग में रंगे नज़र आए-उन्होंने भी सेंटा का चेहरा,सैंटा की घंटी और सेंटा की पोयम गाकर अपना उत्साह जाहिर किया। इसी के साथ -साथ क्रिसमस फेस्टिवल को मनाते हुए जूनियर व सीनियर विंग के बच्चों ने रिंग मेकिंग, स्नोमैन और ऑनलाइन 2 मिनट की भाषण प्रतियोगिता में ईसा मसीह से संबंधित रोचक तथ्यों को उजागर किया।
क्रिसमस के इस अवसर पर सूरजकुंड इंटरनेशनल स्कूल के मुख्य निदेशक व वरिष्ठ अधिवक्ता सत्येंद्र भड़ाना डिजिटल माध्यम से जुडक़र सभी को क्रिसमस की शुभकामनाएं दी और बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि सभी पर्वो को मनाने का उद्देश्य यह हैं कि हमें सभी धर्मो और संस्कृति का आदर व सम्मान करना चाहिए। हर पर्व अपने साथ एक संदेश लाता हैं।प्रभु यीशु ने भी संसार में एक संदेश प्रसारित किया कि हमें प्रेम,निष्कपट भावना व विश्वास के साथ एकता से मिलकर रहना चाहिए ,उन्होंने बच्चों को क्रिसमस का महत्व समझाते हुए यह भी बताया कि कोरोनावायरस को एकजुट होकर हराना होगा तभी चारों ओर खुशहाली होगी।
इस उपलक्ष्य पर स्कूल की प्रधानाचार्या सुश्री शुभ्रतासिंह ने भी बच्चों को क्रिसमस की शुभकामनाएं देते हुए उन्हें बुराई से दूर रहने व अच्छाई को अपनाने को कहा।इसके पश्चात् उन्होंने आने वाले नववर्ष में सभी बच्चों के जीवन में खुशियाँ, ज्ञान व सफलता की कामना करते हुए बच्चों को बताया कि 25 दिसंबर को जीजस क्राइस्ट का जन्म हुआ।वे एक महान व्यक्ति थे। ईशु ने समाज को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी और भाईचारे से रहने का संदेश दिया लेकिन उस समय के शासकों को जीजस का यह संदेश पसंद नहीं था इसीलिए उन्हें सूली पर लटका दिया गया।ऐसी मान्यता है कि जीजस फिर से जी उठे थे इसी वजह से इस दिन गिरिजाघरों में विशेष प्रार्थना का आयोजन होता हैं।
इसके पश्चात स्कूल की उपप्रधानाचार्या सुश्री नंदा शर्मा ने सभी बच्चों को क्रिसमस और नववर्ष की शुभकामनाएं देते हुए घर पर रहकर कोरोना वायरस को हराने और नववर्ष को मनाने के लिए कहा