पायलट अभिनन्दन की रिहाई और सुप्रीम कोर्ट का पीएलपीएल पर निर्णय को लेकर शारदा राठौर ने बांटे लड्डू

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Faridabad News, 01 March 2019 : दुश्मनों से लोहा लेते हुए पाकिस्तान के कब्जे में पहुंचे भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन की भारत वापसी से पूरा देश खुश है। फरीदाबाद में भी खुशी देखी गई। पूर्व मुख्य संसदीय सचिव एवं बल्लबगढ़ की पूर्व विधायिका कुमारी शारदा राठौर ने बल्लबगढ़ स्थित कार्यालय में लड्डू बांटते हुए कहा कि विंग कमांडर अभिनंदन भारत के असली हीरो हैं और उन्हें मैं सलाम करती हूँ। कुमारी राठौर ने कहा कि आज दो बड़ी खुशखबरी से वो बहुत खुश हैं। उन्होंने कहा कि पहली खुशखबरी पायलट अभिनन्दन की पाकिस्तान से वापसी और दूसरी खबर सुप्रीम कोर्ट से आई जिसमे अरावली में निर्माण को मंजूरी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार के खिलाफ नाराजगी जताई है और सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार को फटकार लगाई और कहा कि आदेशों के खिलाफ नया कानून लागू करने की कोशिश न करें। शारदा राठौर ने कहा कि अरावली पर लागू पीएलपीए में संशोधन कर हरियाणा सरकार ने अच्छा नहीं किया और खासकर फरीदाबाद की जनता के हक में ये बिल बिलकुल ठीक नहीं था। उन्होंने कहा कि फरीदाबाद में प्रदूषण रिकार्ड तोड़ चुका है और यहाँ के लोग प्रदूषण के कारण बड़ी बड़ी बीमारियां झेल रहे हैं ऐसे में अरावली पर से जंगल नष्ट हो जाएगा तो जनता बेमौत मरने लगेगी इसलिए हरियाणा सरकार को बिल में संशोधन करने से पहले फरीदाबाद की जनता के बारे में सोचना था लेकिन सरकार ने कुछ नहीं सोचा। शारदा राठौर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय बहुत अच्छा है और इससे अरावली को बचाया जा सकेगा। आपको बता दें कि हाल में विधानसभा में हरियाणा सरकार ने एक बिल पास किया था जिसमे पंजाब भू-परिरक्षण में सरकार ने संशोधन किया था इसके बाद अरावली पर निर्माण शुरू हो जाते और जल्द अरावली नष्ट हो जाती।

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसी हिमाकत करने पर आपके खिलाफ अवमानना का केस चलेगा। जस्टिस अरुण मिश्र की अगुवाई वाली बेंच ने हरियाणा सरकार को फटकारते हुए कहा कि आप सुप्रीम नहीं हैं, कानून का शासन ही सर्वोपरि है. कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आप जंगल को नष्ट कर रहे हैं और यह अपेक्षित नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम जानते हैं कि इस कानून के ज़रिए हरियाणा सरकार अरावली और नीलगिरी की पहाड़ियों में वन नियमों को ताक पर रखकर किए गए अवैध निर्माण को मान्यता देने का रास्ता साफ कर रही है। कोर्ट ने कहा कि इस नए कानून के ज़रिए आप अपने चहेते लोगों को फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कोई भी कानून से ऊपर नहीं हो सकता है, यह गंभीर मामला है।

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