फरीदाबाद । श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय सीनियर सेकेंडरी स्कूल अपने कौशल को वैश्विक स्तर की उत्कृष्टता प्रदान करेगा। विद्यार्थियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर के कौशल पाठ्यक्रम और शिक्षण विधियों से अवगत करवाया जाएगा। इस कड़ी में ऑस्ट्रेलिया के कौशल शिक्षकों के साथ श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय सीनियर सेकेंडरी स्कूल के शिक्षकों ने वोकेशनल एजुकेशन ट्रेनिंग कनेक्ट प्रोग्राम में हिस्सा लिया।
शिक्षकों ने कौशल पर संयुक्त अभ्यास किया और उनके साथ कौशल व शिक्षण अनुभव भी साझा किए हैं। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति श्री राज नेहरू ने इस उपलब्धि के लिए स्कूल के प्रिंसिपल डॉ. जलबीर सिंह व इस अभ्यास में हिस्सा लेने वाली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शिक्षक बबीता को बधाई दी है। कुलपति श्री राज नेहरू ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के विशेषज्ञों के साथ हमारे शिक्षकों के अनुभवों और पाठ्यक्रमों का आदान-पदान श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के सीनियर सेकेंडरी स्कूल के शिक्षण को और सशक्त बनाएगा। उन्होंने कहा कि हम विद्यार्थियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर के कौशल शिक्षण के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि यहां से पास होने वाले विद्यार्थी वैश्विक स्तर पर जाकर अपना स्थान निर्धारित कर सकें। कुलपति श्री राज नेहरू ने कहा कि कौशल शिक्षा के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर जो भी हो रहा है, हम उसके साथ जुड़ रहे हैं, ताकि हमारा पाठ्यक्रम पूरी तरह से अपडेट रहे।
स्कूल के प्रिंसिपल डॉ. जलबीर सिंह ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच कौशल शिक्षा की साझेदारी बहुत महत्वपूर्ण रही है। लगभग 6 महीने के इस अभ्यास में हमने ऑस्ट्रेलिया की स्किल एजुकेशन और उसके शिक्षण स्तर के बारे में अध्ययन किया है। इसमें ट्रेनिंग ऑफ टीचर्स से लेकर स्किल एजुकेशन के कई स्तरों में गुणवत्ता बढ़ेगी। जलबीर सिंह ने बताया कि इस कार्यशाला का आयोजन ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा विभाग और एशियन एजुकेशन फाउंडेशन द्वारा किया गया। इस दौरान कुल आठ कार्यशाला आयोजित हुई। उन्होंने बताया कि समापन पर भारत के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मुख्य अतिथि के रूप में भारत के शिक्षकों का उत्साह बढ़ाया है। भारत के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को जब श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय सीनियर सेकेंडरी स्कूल के कोर्स के बारे में बताया तो उन्होंने काफी प्रसन्नता व्यक्त की। इस मौके पर ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री जैसन क्लारे ने शिक्षकों को प्रमाण पत्र प्रदान किए।