कृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में पावन सिद्धपीठ श्री हनुमान मंदिर में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन

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फरीदाबाद, 8 अगस्त। श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर के उपलक्ष्य में पावन सिद्धपीठ श्री हनुमान मंदिर में सोमवार को श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ किया गया। सोमवार को मंदिर के प्रधान अशोक अरोड़ा के नेतृत्व में कलश यात्रा निकाली गई। मंदिर कमेटी के महासचिव पवन कुमार ने भागवत को शीर्ष पर धारण कर कलश यात्रा का शुभारंभ किया। कलश यात्रा में सैकडो महिलाओं एवं भक्तो ने भाग लिया। यात्रा मार्केट से घूमते हुए मंडी परिसर में वापिस आई, जहां मनोहर लाल एवं सतीश वाधवा ने सभी भक्तजनों को प्रसाद वितरित किया। इस मौके पर मदिंर के प्रधान अशोक अरोड़ा ने भागवत के महत्व को बताते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत में जीवन का सार तत्व मौजूद है। कथा की सार्थकता तब ही सिद्ध होती है, जब इसे हम अपने जीवन व व्यवहार में धारण कर निरंतर हरि स्मरण करते हैं। अपने जीवन को आनंदमय, मंगलमय बनाकर अपना आत्म कल्याण करें। अन्यथा यह कथा केवल मनोरंजन, कानों के रस तक ही सीमित रह जाएगी। उन्होने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट हो जाते हैं, जहां अन्य युगों में धर्म लाभ एवं मोक्ष प्राप्ति के लिए कड़े प्रयास करने पड़ते हैं। वहीं कलियुग में कथा सुनने मात्र से व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है। कथा कल्पवृक्ष के समान है, जिससे सभी इच्छाओं की पूर्ति की जा सकती है। उन्होंने कहा कि भागवत पुराण हिदुओं के अठारह पुराणों में से एक है। इसे श्रीमद् भागवत या केवल भागवत् भी कहते हैं। इसका मुख्य विषय भक्ति योग है, जिसमें श्रीकृष्ण को सभी देवों का देव या स्वयं भगवान के रूप में चित्रित किया गया है। उन्होने कहा की इस कथा को सुनने के लिए देवी देवता भी तरसते हैं और दुर्लभ मानव प्राणी को ही इस कथा का श्रवण लाभ प्राप्त होता है। कथा के श्रवण मात्र से ही प्राणी मात्र का कल्याण संभव है। भागवत की जानकारी देते हुए भारत अरोड़ा ने बताया कि मंदिर परिसर में भगवत का समय शाम 6.30 से लेकर रात्रि 9.00 बजे तक होगा। कथा वाचक कन्हैया लाल बृजवासी अपने मुखारबिंद से भागवत रस बरसाएंगे, जो भी भक्तजन भागवत कथा का लाभ लेना चाहते हैं, वो शाम के समय आ सकते हैं। इस शुभ अवसर पर समस्त मंदिर कमेटी के सदस्य मौजूद रहे।

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