Faridabad News, 27 May 2020 : उत्तर भारत में रामानुज संप्रदाय के तीर्थ क्षेत्र श्री सिद्धदाता आश्रम एवं श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम के स्थापना दिवस एवं संस्थापक वैकुंठवासी स्वामी सुदर्शनाचार्य महाराज का जन्मोत्सव सविधि मना। इस अवसर पर वर्तमान अधिपति जगदगुरु स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में कहा कि आश्रम में आने वालों को यथाभाव धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती रहेगी।
उन्होंने वैकुंठवासी स्वामी सुदर्शनाचार्य जी के अर्चावतार का सविधि पूजन किया। इससे पहले उन्होंने स्वामी जी की समाधि पर पुष्पों की चादर चढ़ाई और आरती कर लोककल्याण के लिए प्रार्थना की। इस अवसर पर समाधि एवं मंदिर को पुष्पों और गुब्बारों से सजाया गया था। हालांकि भक्तों को यहां शामिल होने की इजाजत न होने से केवल याचकों एवं आश्रम में रहने वाले सेवादारों के साथ ही आयोजन हुआ। जिसका विभिन्न सोशल मीडिया माध्यमों से दुनियाभर में रह रहे भक्तों के लिए लाइव प्रसारण की व्यवस्था की गई थी।
स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी के सान्निध्य में वैकुंठवासी स्वामी सुदर्शनाचार्य जी एवं ठाकुरजी की पालकी की शोभायात्रा भी निकाली गई। इस अवसर पर स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी ने कहा कि वर्ष 1989 में अपने इष्ट की इच्छानुसार गुरु महाराज ने यहां आश्रम की स्थापना की लेकिन इस स्थापना पूर्व भगवान से यहां आने वाले भक्तों के मनोभावों के अनुसार इच्छाओं की पूर्ति होने का वचन भी लिया। आज हम आश्रम का 31वां स्थापना दिवस मना रहे हैं। इस काल खंड में लाखों परिवारों का परिवार श्री सिद्धदाता आश्रम बन चुका है। उन्होंने मौजूद जन से उनके ईष्र्या, द्वेष और अहंकार का त्याग गिफ्ट के रूप में मांगा। जिस पर सभी ने हाथ उठाकर समर्थन किया। स्वामीजी ने बताया कि दुनिया भर में लाखों परिवार आज अपने अपने घरों में बाबा का जन्मदिन मना रहे हैं और हमें वीडियो व फोटो भी भेज रहे हैं। मैं चाहता हूं कि सभी के जीवन में प्रसन्नता रहे। मौजूद सभी लोगों को प्रसाद एवं भोजन प्रसाद प्राप्त हुआ।