Faridabad News, 22 Aug 2020 : सूरजकुंड रोड स्थित श्री सिद्धदाता आश्रम में श्री गणेश चतुर्थी के अवसर पर भगवान गणपति का पूजन किया गया। इस अवसर पर आश्रम के अधिष्ठाता जगदगुरु स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने षोडशोपचार पद्धति से पूजन किया।
स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने पूजन के बाद बताया कि देवों में प्रथम पूज्य गणपति को माना गया है। भगवान गणपति का पूजन करने के बाद ही सभी मांगलिक कार्य पूर्ण होते हैं। भगवान गणेश समाज को माता पिता को सम्मान देने का भी संदेश देते हैं। उनका जीवन लोगों को सरल जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है। स्वामीजी ने कहा कि गणपति ने शंकर पार्वती की दक्षिणा को ही संसार की परिक्रमा की उपाधि देकर समझाते हैं कि जन्म देने वाले माता पिता का सदा सम्मान करना चाहिए। उन्होंने बताया कि गणेश जी का वाहन मूषक है, जिसका अर्थ है कि आपको अपनी जरूरतों को कम से कम रखना चाहिए। आपको अपनी जरूरतों का गुलाम नहीं बनना चाहिए। उनके कान बड़े बड़े हैं जिसका अर्थ है कि आपके आसपास घटित होने वाली घटनाओं से आपको बेफिक्र नहीं रहना है लेकिन बड़ा पेट बताता है कि आपको बातों को पचाना भी आना चाहिए।
उन्होंने बताया कि गणेश चतुर्थी का आयोजन केवल अर्चकों के सहयोग से किया गया है क्योंकि प्रशासन की ओर से भक्तों को रोकने पर मनाही है। हालांकि पूरे कार्यक्रम का सोशल मीडिया ऐप्स पर लाइव प्रसारण हुआ है। जिसको बड़ी संख्या में भक्तगण देखकर लाभान्वित हो रहे हैं।