दीवाली के अवसर पर दान का विशेष महत्व : स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य

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Faridabad News, 11 Nov 2020 : दीपावली दरिद्रता का नाश करने वाला पर्व है। वास्तव में यह पर्व पांच पर्वों की युति है जो मानव को उसके मानवीय गुणों से परिपूर्ण करता है। यह बात श्री सिद्धदाता आश्रम के अधिपति जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने कही। वह आश्रम में अर्चकों, सेवादारों व अन्य को दान करते हुए संबोधित कर रहे थे।

जगदगुरु स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने बताया कि दीपावली दरिद्रता का नाश करने वाला पर्व है। इस पर्व को मनाने के लिए हम अपने घर दफ्तर संस्थानों में विशेष सफाई अभियान चलाते हैं। यह ठीक है क्योंकि हमें इन दो मौसम के मिलने के समय सफाई की बेहद आवश्यकता होती है। इस समय में बैक्टीरिया अधिक तेजी से पनपता है जिससे बचने के लिए दीपावली विज्ञान की दृष्टि से भी बेहद कारगर है।

उन्होंने कहा कि हमें बाहरी सफाई के साथ साथ अपने अंदर की सफाई पर भी जोर देना चाहिए। इसके लिए हमें दान, सेवा आदि को अपने जीवन में विशिष्ट स्थान देना चाहिए। श्री गुरु महाराज ने आश्रम में अर्चकों, सेवादारों को आवश्यकता का सामान प्रदान किया। उन्होंने सभी से कहा कि धर्म के मार्ग पर चलने वाले के आचरण देखकर लोग धर्म के बारे में अनुमान लगाते हैं। इसलिए धार्मिक क्षेत्र से जुड़े व्यक्तियों को अपने आचरण को लेकर विशेष चौकस रहना चाहिए।

 

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