Faridabad News : श्याम मंदिर समिति (आदर्श नगर) द्वारा आयोजित श्रीमद भागवत कथा के दूसरे दिन कथा व्यास श्री ठाकुर दास दिनकर ने महापुराण के दस लक्षण, सृष्टि हेतु ब्रह्मा जी का अवतरण, वाराह भगवान का अवतार, हिरण्याक्ष वध, मनु-कर्दम संवाद, कपिलावतार, माता देवहुति को उपदेश, सती अनुसुइया के घर त्रिदेव जन्म, दक्ष-यज्ञ में सती का शरीर त्याग, यज्ञ विध्वंश, ध्रुव चरित्र आदि कथाओं का विस्तार पूर्वक वर्णन किया। कथा व्यास श्री दिनकर ने बताया कि विश्व में शक्ति की उपासना व नारी शक्ति की प्रतिष्ठा के लिए भारत वर्ष सर्वोपरि है। इसलिए भगवान के अंशावतार भी इसी देश में होते हैं। माता अनुसुइया ने भारत की माताओं को गौरव प्रदान किया है। वह नारी जाति की प्रेरणा स्रोत हैं। कपिल देवहुति संवाद एक ऐसा ज्ञानोपदेश है जिसमें सांख्य दर्शन, अष्टांगयोग व माँ के गर्भ में जीवात्मा का विकास शरीर रचना विज्ञान व गर्भ विज्ञान की शताब्दियों पूर्व व्याख्या का प्रमाण है जो धर्म और विज्ञान का अद्भुत संगम है।
श्री व्यास ने बताया कि दक्ष यज्ञ विध्वंश सत्ता के मद में चूर लोगों को सावधान करने वाली कथा है। अहंकारी व्यक्ति अपनी पुत्री को भी उपेक्षित कर देता है। सती का चरित्र पति की अवहेलना कर मन मानी करने वाली महिलाओं को एक आदर्श शिक्षा है जो श्रेष्ठ दाम्पत्य जीवन के लिए प्रेरणा है। ध्रुव चरित्र यह सन्देश देता है कि भक्ति करने के लिए कोई उम्र निर्धारित नहीं है। जब पांच वर्ष का ध्रुव तप कर सकता है तो हम बुढ़ापे में भजन करने की क्यों सोचें। जीवन में हर पल जीव को परमात्मा को याद रखना चाहिए फिर हमारा मन कभी भी पाप कर्म की ओर प्रवृत नहीं होगा।
आदर्श नगर स्थित श्याम मंदिर प्रांगण में कथा श्रवण के लिए सैंकड़ों भक्तों ने धर्मलाभ प्राप्त किया। इस अवसर पर मंदिर समिति के प्रधान रविंद्र गोस्वामी, कालीचरण गर्ग, राकेश शर्मा, इन्दरपाल, मोहन श्याम, गिरिराज प्रसाद, कृष्णदयाल एवं योगेश शर्मा आदि मौजूद थे।