Faridabad News, 25 Aug 2019 : शहर का बायपास रोड काफी अच्छा बना है लेकिन इस पर अब भी वाहनों की रफ़्तार धीमी रहती है क्यू कि एक दो नहीं सैकड़ों आवारा पशु सड़क पर हमेशा डेरा जमाये बैठे रहते हैं। ये कहना है बार एसोशिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के प्रधान एडवोकेट एलएन पाराशर का जिन्होंने कहा कि नगर निगम फरीदाबाद की लापरवाही के कारण बाईपास रोड आवारा पशुओं का अड्डा बन चुका है। पाराशर ने कहा कि हाल में ही मैंने आरटीआई के माध्यम से नगर निगम से पूंछा था कि सितम्बर 2017 से अब तक फरीदाबाद में कितने आवारा पशु पकडे गए हैं तो नगर निगम की तरफ से जबाब आया था कि सितम्बर 2017 से अब तक बल्लबगढ़ जोन में नगर निगम ने 278 आवारा पशु पकडे हैं।
पाराशर ने बताया कि मैंने आगे पूंछा कि कितने पशु मालिकों पर एमसीएफ एक्ट के तहत जुर्माना लगाया गया है तो उसके जबाब में नगर निगम ने लिखा कि आवारा पशुओं को पकड़कर नगर निगम के कर्मचारी उन्हें गौशाला भेज देते हैं, पशुओं के मालिक का पता न होने के कारण किसी से अब तक कोई जुर्माना नहीं लिया गया।पाराशर ने आगे पूंछा था कि कितने पशु गौशाला भेजे गए तो जबाब मिला कि 278 पशु गौशाला भेजे गए हैं। पाराशर ने आगे पूंछा था कि कितने पशुओं की बीमारी से मौत हुई और कितनों का इलाज कराया गया और इसकी सत्यापित कॉपी दी जाए तो नगर निगम ने जबाब दिया कि सितम्बर 2017 से अब तक 60 पशुओं की बीमारी से मौत हुई और सभी बीमार पशुओं का इलाज कराया गया था।
पाराशर ने कहा कि जिस दिन ये खबर मीडिया में छपी उसके अगले दो दिनों तक नगर निगम हरकत में रहा है निगम के अधिकारी पूंछते रहे कि शहर में कहाँ-कहा आवारा पशु घूम रहे है लेकिन दो दिन बाद सब चुप हो गए और शहर की सड़को पर अब भी हर जगह आवारा पशु घूम रहे हैं और लोग दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं।
पाराशर का कहना है कि नगर निगम पशु मालिकों पर जुर्माना नहीं लगाता जिस कारण पशु मालिक अपने पशुओं को खुला छोड़ देते हैं। पाराशर ने कहा कि अक्टूबर 2017 में उस समय के जिला उपायुक्त ने कहा था कि अगर किसी पशुपालक का कोई पशु सड़क पर आवारा घूमते हुए पाया गया तो पहली दफा उनका 5100 रुपये का चालान काटा जाएगा, बावजूद इसके अगर वही पशु दूसरी दफा मिला तो 7500 और तीसरी दफा मिलने पर 11000 का जुर्माना वसूला जाएगा। इसके बाद भी संबंधित पशु पालक ने उस पशु ने नहीं संभाला और फिर आवारा छोड़ दिया तो फिर पशु को नहीं छोड़ा जाएगा। और नगर निगम अधिनियम 1994 की धारा 332 के तहत यह कार्रवाई की जाएगी। पाराशर ने कहा कि बहुत ही चौंकाने वाली बात ये है कि निगम ने अब तक एक भी पशु मालिक से जुरमाना नहीं वसूला न ही किसी धारा 332 के तहत कोई कार्यवाही हुई।
वकील पाराशर ने कहा कि निगम के लचीले रवैये के कारण शहर की सड़कें आवारा पशुओं से भरी हैं। उन्होंने कहा कि 26 अगस्त को मैं नगर निगम के लापरवाह अधिकारियों पर हाईकोर्ट में याचिका दायर करूंगा क्यू कि बाईपास रोड ही नहीं शहर की कई सड़कों पर आवारा पशु घूम रहे हैं जिसके सबूत मेरे पास हैं।