Faridabad News, 30 Aug 2019 : एनएसयूआई हरियाणा के प्रदेश सचिव कृष्ण अत्री को छात्रहितों की लड़ाई लड़ते हुए आमरण अनशन पर बैठे हुए आज पांचवा दिन है लेकिन खट्टर सरकार औऱ जिला प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नही है। छात्रों में इस बात को लेकर भारी रोष है जिसके विरोध में छात्र दिनेश कटारिया और भारत तंवर ने मुंडन करवाया है। साथ ही हरियाणा की खट्टर सरकार व शिक्षा विभाग के खिलाफ नारेबाजी भी की गई। कृष्ण अत्री की बिगड़ती हालत को देखकर बीके हॉस्पिटल से चेकअप करने के लिए मेडिकल टीम आई है और चेकअप की रिपोर्ट कल आएगी। डॉक्टरों ने कृष्ण अत्री की नाजुक हालत को देखते हुए खाने पीने की सलाह दी है लेकिन अत्री ने कहा है कि जब तक मांग पूरी नही होंगी अनशन जारी रहेगा।
एनएसयूआई हरियाणा के प्रदेश सचिव कृष्ण अत्री ने बताया कि पिछले 4 दिनों से वह और उनके साथी शांतिपूर्वक पंडित जवाहरलाल नेहरू कॉलेज के बाहर आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं लेकिन खट्टर सरकार और जिला प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही। उन्होंने कहा कि वह यहां आमरण अनशन पर बैठ कर सिर्फ अपने लिए किसी सुविधा की मांग नहीं कर रहे बल्कि छात्र हितों की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा दुर्भाग्य की बात तो यह है कि 28 अगस्त को मुख्यमंत्री फरीदाबाद में आये थे और 400 करोड़ की घोषणा भी कर गए लेकिन छात्रों के लिए 1 रुपये की भी घोषणा नही की और अनशनकारियों से मिलना या फिर उनकी समस्याओं को सुनना भी उचित नही समझा। मुख्यमंत्री तो मुख्यमंत्री फरीदाबाद में भाजपा के एक केंद्रीय मंत्री और एक राज्य मंत्री होने के बावजूद कोई मिलने नही पहुँचा है।
कृष्ण अत्री ने बताया कि वर्ष 2015 में 56 दिनरात और वर्ष 2018 में 86 दिनरात के धरने प्रदर्शन में भी एनएसयूआई ने रीजनल सेंटर बनाने, सेमेस्टर प्रणाली खत्म कराने, कॉलेज में छात्र-छात्राओं को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने, छात्रसंघ चुनाव प्रत्यक्ष रूप से बहाल कराने, नेहरू कॉलेज की जर्जर ईमारत का निर्माण कराने की मांग की थी। उस समय सरकार ने छात्रों को बरगलाते हुए झूठा आश्वासन देकर एनएसयूआई का धरना प्रदर्शन व भूख हड़ताल खत्म कराई थी लेकिन आज चार साल बीतने के पश्चात भी उन मांगों को पूरा नहीं किया गया जिस कारण एक बार फिर एनएसयूआई को छात्र हितों के लिए सडक़ पर आमरण अनशन के लिए बैठना पड़ा है।
अत्री ने कहा कि भाजपा ने हरियाणा में चुनावों से पूर्व छात्रों को बड़े-बड़े सब्जबाग दिखाए परंतु सत्ता में आने के बाद छात्रों से किए एक भी वायदे को पूरा नहीं किया। यही कारण है कि उन्हें छात्रों को अपनी पढ़ाई छोड़ आमरण अनशन पर बैठने को मजबूर होना पड़ रहा है। भाजपा सरकार की मंशा केवल और केवल छात्रों के हितों की अनदेखी करने की है और इसलिए यह सरकार तानाशाही रवैया अपनाकर छात्रों के हकों पर कुठाराघात कर रही है।
मुंडन कराने वाले छात्र दिनेश कटारिया और भारत तंवर ने संयुक्त रूप से कहा कि खट्टर सरकार छात्रहितों की हत्या कर रही है और हमारे लिए छात्रहितों की हत्या से बुरी कोई बात नही हो सकती है औऱ जब किसी की मृत्यु हो जाती है तो मुंडन कराते है इसलिए हम दोनों ने मुंडन कराया है। उन्होंने कहा कि एनएसयूआई द्वारा की जा रही 7 मांगे छात्र-छात्राओं के हक में हैं, इसलिए यह सुविधाएं उन्हें मिलनी ही चाहिए।
अनशन की प्रमुख मांगे इस प्रकार है –
1) सभी सरकारी कॉलेजों में यूजी/पीजी कक्षाओ में 20 प्रतिशत सीट बढ़ाई जाए।
2) छात्रसंघ चुनाव प्रत्यक्ष रूप से बहाल किये जाए।
3) फरीदाबाद में एमडीयू का रीजनल सेंटर खोला जाए।
4) सेमेस्टर प्रणाली बंद की जाए।
5) नेहरू कॉलेज की जर्जर ईमारत का निर्माण जल्द कराया जाए।
6) सभी सरकारी कॉलेजो में मूलभूत सुविधाएं(पीने का पानी, शौचालय, क्लासरूम, कैंटीन) एवं स्टाफ पूरा उपलब्ध कराया जाए।
7) सभी सरकारी महिला कॉलेजों में पूर्णतय महिला स्टॉफ एवं छात्राओं की सुरक्षा के लिए सभी कॉलेजों में महिला पुलिसकर्मी की नियुक्ति की जाए।
इस मौके पर जिला मीडिया कोऑर्डिनेटर अजित त्यागी, जिला महासचिव रूपेश झा, पूर्व अध्यक्ष महेंद्र सिंह, छात्रनेता आरिफ खान, दुर्गेश दुग्गल, विशाल वशिष्ठ, लक्ष्मण चौधरी, शिवम शर्मा, मोहित भाटी, राहुल वर्मा, हिमांशु, राहुल पंडित, मोहित, आकाश झा, अंकित वर्मा, परवेज खान, अमर यादव, रणविजय, शुभम, विवेक शर्मा, दीपांशु, ललित कौशिक, गंगा अत्री, मोंटी, आयुष, निशांत, उमेश, नितिन शर्मा, अंकित, संदीप नरवत, खुसबू चौधरी, प्रियंका सूर्यवंशी, प्रिया मिश्रा, हेमा चौधरी, नेहा, कोमल आदि सैंकड़ो छात्र मौजूद थे।