Faridabad News, 16 Aug 2019 : दयालबाग स्थित सूरजकुंड इंटरनेशनल स्कूल में पूरे हर्षोल्लास से स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। इस अवसर पर उपस्थित मुख्य अतिथि डॉ. अश्विनी परूथी, विकास सरदाना, सूरजकुंड इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन डी. पी. भड़ाना, मुख्य निदेशक एवं वरिष्ठ अधिवक्ता सत्येंद्र भड़ाना प्रधानाचार्या श्रीमती देबजानी सेन गुप्ता, उपप्रधानाचार्या श्रीमती नंदा शर्मा व सीनियर कोऑर्डिनेटर डॉ. अमृता शुक्ला ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
कार्यक्रम का आरंभ विद्यार्थियों द्वारा परेड और राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दे कर किया गया।उसके बाद बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए जिन्हे देख कर सभी आनंदित हुए और महान शहीदों को याद किया।
इस अवसर पर सत्येंद्र भड़ाना ने सभी को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज हम यहाँ महान राष्ट्रीय आयोजन स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाने के लिए इकठ्ठा हुए हैं। यह वह दिन है जब हमें भारत के महान स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा कई वर्षों तक कड़े संघर्ष के बाद ब्रिटिश शासन से आजादी मिली। इस दिन हम उन महान स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों को याद करते हैं जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपनी जान कुर्बान कर दी। उन्होंने कहा कि आज में बहुत गर्व से स्वयं को अखंड भारत का वासी कहते हुए हर्षित हूँ कि जो अखंड भारत का सपना सरदार वल्लभ भाई पटेल ने देखा था वह माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अमित शाह और उनके सहयोगियों द्वारा साकार हुआ है। आज कश्मीर और जम्मू हमारे भारत के अभिन्न अंग है। जिसे हम भारत का ताज कहते है। 370 (35a) हटा कर वहाँ लोगों को नई उम्मीद व विकास का उपहार दिया गया है आने वाले समय में भारत के इतिहास में ऐसे भी परिवर्तन होंगे जो देश को संपन्न और ताकतवर बनाएगा।
मुख्य अतिथि डॉ. अश्विनी परूथी और विकास सरदाना ने सभी को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि देश के संघर्ष को बताते हुए देश के सम्मान और उसके प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वाह करने कि प्रेरणा दी।
कार्यक्रम के अंत मे स्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमती देबजानी सेन गुप्ता ने सभी को स्वतंत्रता दिवस बधाई दी व देश के प्रति अपने कर्तव्य याद दिलाते हुए बताया कि हम सभी को भारतीय होने पर गर्व होना चाहिए कि हमने एक आजाद भारत के आँचल में जन्म लिया । हम भगत सिंह, खुदी राम बोस और चंद्रशेखर आजाद के बलिदानों को कभी नहीं भुला सकते । जिन्होंने अपने देश को आजादी दिलाने के लिए अपने प्राण देश के ऊपर न्योछावर कर दिए हमें उन सबको हमेशा गर्व से याद करते हुए उनके द्वारा दी गई सीख को लेकर आगे बढऩा चाहिए।