अटल सुरंग के अध्ययन दौरे पर इंजीनियरिंग की नवीनतम तकनीकों को सीखेंगे विद्यार्थी

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फरीदाबाद, 17 मई – विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग की नवीनतम तकनीकों के बारे में व्यावहारिक अनुभव और ज्ञान प्रदान करने के उद्देश्य से जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों के लिए अटल सुरंग (हिमाचल प्रदेश) में तीन दिवसीय अध्ययन दौरे का आयोजन किया है। इस स्टडी टूर को एआईसीटीई की यूथ अंडरटेकिंग विजिट फॉर एक्वाइरिंग नॉलेज (वाईयूवीएके) योजना के तहत व्यवस्थित किया गया है, जो इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों को अटल सुरंग के निर्माण में प्रयुक्त इंजीनियरिंग को जानने और सीखने का अवसर देती है।

स्टडी टूर के लिए मैकेनिकल इंजीनियरिंग और सिविल इंजीनियरिंग विभाग से 10 विद्यार्थियों के समूह का चयन किया गया है। इसके अलावा, एक संकाय सदस्य भी छात्रों के साथ स्टडी टूर पर जाएगा।

मैकेनिकल इंजीनियरिंग के अध्यक्ष प्रो. राज कुमार और सिविल इंजीनियरिंग के अध्यक्ष प्रो. तिलक राज ने विद्यार्थियों को उनके अध्ययन दौरे के लिए शुभकामनाएं दी हैं और उन्हें इस अध्ययन दौरे का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि इस दौरे से विद्यार्थियों को नवीनतम इंजीनियरिंग तकनीकों को बेहतर तरीके से सीखने में मदद मिलेगी।

मैकेनिकल इंजीनियरिंग में सहायक प्रोफेसर एवं अध्ययन दौरे के समन्वयक डॉ महेश चंद ने बताया कि अध्ययन दौरे के लिए छात्रों का चयन मेरिट के आधार पर किया गया है, जिसमें से 6 छात्र मैकेनिकल इंजीनियरिंग से हैं और 4 छात्र सिविल इंजीनियरिंग से हैं। यह दौरा एआईसीटीई से वित्त पोषण है।

हिमाचल प्रदेश में लेह-मनाली राजमार्ग पर रोहतांग दर्रे के नीचे निर्मित अटल टनल इंजीनियरिंग का एक बेहतरीन नमूना है, जोकि हर मौसम में लेह और लाहौल-स्पीति की घाटियों को जोड़ता है। लगभग 9.02 किमी की लंबाई की सुरंग दुनिया की सबसे लम्बी सुरंग है जोकि समुन्द्र तल से 10,000 फीट (3,048 मीटर) ऊपर है। इसका नाम भारत के पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया है। इसका उद्घाटन 3 अक्टूबर 2020 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था।
ज्ञान अर्जन के लिए अध्ययन यात्र के इस कार्यक्रम का उद्देश्य सुरंग के निर्माण में उपयोग की जाने वाली नवीनतम तकनीकों और विशेष रूप से न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग पद्धति के बारे में प्रत्यक्ष ज्ञान और जानकारी प्रदान करना है। यह छात्रों को इस परियोजना के क्रियान्यन के दौरान आई वाली चुनौतियों और जोखिमों के बारे में जानकारी हासिल करने में मदद करता है।

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