New Delhi News, 27 Jab शिक्षण और शोध दोनों एक दूसरे के पूरक है। एक शिक्षक शोध के माध्यम से अपनी शिक्षण तकनीकी में परिवर्तन कर विद्यार्थियों को व्यवहारिकता के साथ शिक्षा प्रदान कर सकता है। शोध की विधिवत जानकारी उन्हें एक अच्छा शोध पत्र लिखने और प्रकाशित करने में सहायक होती है। इस उद्देश्य से डीएवी शताब्दी महाविद्यालय के आइक्यूएसी सैल के सौजन्य से शोध विधि विषय पर सात दिवसीय फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया। इस प्रोग्राम के प्रथम और द्वितीय सैशन में जेसी बोस यूनिवर्सिटी ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी वाईएमसीए फरीदाबाद से सोशल वर्क में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर के एम ताबिश ने शिक्षकों को क्वालिटेटिव रिसर्च पेपर लिखने के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया और एडिटेड बुक में चैप्टर लिखने के लिए आवश्यक बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की। एफ डी पी के तीसरे चरण में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर एस आर लूथरा इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, सूरत, गुजरात से असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर हिरेन पटेल ने S. R. A. M. मॉडल के माध्यम से सिस्टमैटिक लिटरेचर रिव्यू पर विस्तार से जानकारी प्रदान की और साथ ही शिक्षकों को शोध हेतु अच्छे जनरल से अच्छे शोध पत्र पढ़ने की सलाह दी। एफ डी पी के चतुर्थ सैशन में शहीद भगत सिंह कॉलेज, नई दिल्ली से एसोसिएट प्रोफ़ेसर डॉक्टर पूजा गोयल ने सभी शिक्षकों को बिबलोमैट्रिक एनालाइसिस तकनीकी के विषय में प्रशिक्षण दिया। उन्होंने शिक्षकों को अच्छे जनरल्स में शोध पत्र प्रकाशित करने के लिए इस तकनीकी का प्रयोग करने के लिए अभिप्रेरित किया। उन्होंने साथ ही शोध पत्र के प्रकाशित होने की स्वीकृति ना मिलने पर निराश न होकर निरंतर प्रयास कर शोध पत्र में संशोधन करते रहने का मशवरा दिया।
एफ डी पी के अंतिम 2 दिन शिक्षक शिक्षिकाओं को शोध के क्षेत्र में प्रचलित सॉफ्टवेयर SPSS की ट्रेनिंग दी गई। कोटक महिंद्रा बैंक फरीदाबाद से एक्स ब्रांच ऑपरेशन मैनेजर डॉ सुमन गर्ग ने अत्यंत सरलता से इस सॉफ्टवेयर की जानकारी देते हुए इसके प्रयोग करने की विधियों के बारे में विस्तार से बताया। डॉ सुमन गर्ग के द्वारा दी गई ट्रेनिंग को लेकर शिक्षकों में अत्यंत प्रसन्नता एवं संतुष्टि देखी गई।
इस सात दिवसीय फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के आयोजन के लिए स्वीकृति देने के पीछे महाविद्यालय की कार्यकारी प्राचार्या डॉक्टर सविता भगत जी का विचार था कि महाविद्यालय के सभी शिक्षक शिक्षिकाएं शिक्षण के साथ-साथ शोध के क्षेत्र में भी अपने ज्ञान को बढ़ाएं और अच्छे-अच्छे शोध पत्र प्रकाशित कर महाविद्यालय का नाम भी रोशन करें। इस अवसर पर उन्होंने शिक्षकों से महाविद्यालय के द्वारा प्रकाशित होने वाली एडिटेड बुक के लिए चैप्टर लिखने की आशा व्यक्त की। एफ डी पी के संचालक और आइक्यूएसी के मेंबर कोऑर्डिनेटर प्रोफ़ेसर मुकेश बंसल ने नैक एक्किरीडिटैशन प्रोसेस के लिए आवश्यक मापदंडों को पूरा करने हेतु शिक्षकों के द्वारा अधिक से अधिक शोध के क्षेत्र में योगदान करने की अपेक्षा करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दी।
Huइस साप्ताहिक कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन एवं संचालन वाणिज्य विभाग से असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर बिंदु रॉय और मिस रजनी टुटेजा ने किया। तकनीकी पक्ष में वाणिज्य विभाग से असिस्टेंट प्रोफेसर मिस्टर ई एच अंसारी का सहयोग रहा। विभिन्न विभागों से 35 से भी अधिक शिक्षक शिक्षिकाओं ने प्रोग्राम में भाग लिया। शिक्षकों के बीच में इस प्रोग्राम को लेकर काफी प्रसन्नता और उत्साह देखा गया। सभी प्रतिभागियों ने इस कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए भविष्य में भी महाविद्यालय के द्वारा समय-समय पर इस प्रकार की फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम आयोजित करते रहने की इच्छा व्यक्त की।