Faridabad News : आज की अनियमित जीवनशैली, अनियंत्रित खानपान और शारीरिक श्रम कम होने के कारण मोटापा निरंतर बढ़ता जा रहा है। मोटापा अनेक गंभीर बीमारियों का जन्मदाता है। इसके कारण डायबिटीज़, किड़नी रोग, उच्च रक्तचाप व अन्य बीमारियां हो सकती हैं। इसके अलावा मोटापा इंसान को निष्क्रिय बना देता है। पहले उम्रदराज लोग इसके शिकार होते थे, लेकिन अब युवावर्ग व बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं।
एशियन इंस्टीटयूट आॅफ मेडिकल साइंसेज अस्पताल के एचओडी एवं सीनियर कंसलटेंट मिनिमल इंवेसिव एंड जनरल सर्जरी विभाग के डाॅ. वेद प्रकाश का कहना है कि मोटापे से शरीर भद्दा और बेडौल नज़र आने लगता है। आज के दौर में हर व्यक्ति आकर्षक दिखना चाहता है, लेकिन घंटों कम्प्यूटर पर बैठकर काम करने और अनियंत्रित खानपान के कारण वज़न बढ़ने लगता है। आमतौर पर लोग मोटापा कम करने के लिए सबसे पहले खाना खाना छोड़ देते हैं। मोटापा कम करने का उन्हें यह सबसे सरल तरीका नज़र आता है जबकि खाना छोड़ना उनकी सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। लोगों को मोटापा कम करने के लिए सबसे पहले मीठे के सेवन से परहेज करना चाहिए।
लोग मोटापे से बचने या कम करने के लिए कभी सुबह का नाश्ता, कभी दोपहर का भोजन तो कभी रात का खाना खाना छोड़ देते हैं और जब वे खाना खाना छोड़ देते हैं तो भूख लगने पर वे भूख मिटाने के लिए ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं, जिनमें कार्बोहाइड्रेट या लिपिड कंटेंट ज्यादा होता है।
अधिकतर लोग भूख को कम करने के लिए चाय पीने लगते हैं। अन्य स्वीट्स जैसे बिस्कुट, कुकीज आदि का सेवन करने लगते हैं, या फिर तली हुई चीजें जैसे समोसे, बे्रड पकौडे़, पेटीज़ आदि चीजें खाने लगते हैं। इन चीजों में कैलारी अधिक होने के कारण व्यक्ति का वज़न कम होने की बजाय बढ़ने लगता है और वह मोटापे का शिकार हो जाता है।
डाॅ. वेद का कहना है कि शुगर का किसी भी रूप में शरीर में जाना सेहत के लिए हानिकारक होता है इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को शुगर के इस्तेमाल से बचना चाहिए। उनका कहना है कि स्वास्थ्य की दृष्टि से शुगर जंकफूड से जयादा खतरनाक है। जिस प्रकार हम अपने खानपान में नमक का एक निश्चित मात्रा में सेवन करते हैं उसी प्रकार हमें अपने मीठे का सेवन भी निश्चित मात्रा में करना चाहिए, ताकि हम मोटापे या अन्य बीमारियों की चपेट में न आ सकें।
मोटापे से कैसे बचें: तले हुए खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए।
नियमित खानपान में शुगर फ्री का इस्तेमाल करना चाहिए।
तनाव से बचें।
नियमित रूप से जांच कराएं।
संतुलित खानापान लें।
पर्याप्त नींद लें।
शारीरिक श्रम व नियमित व्यायाम करें।