Faridabad News, 15 Feb 2019 : फरीदाबाद के सूरजकुण्ड में चल रहे 33वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेला में तीरंदाजी के दीवानों का शौक बखूबी पूरा हो रहा है और लोग विशेषकर युवाओं में इसके प्रति भारी क्रेज देखने को मिल रहा है। लोग छोटे बडे तीर-कमानों के माध्यम से लक्ष्य पर निशाना साध रहे हैं।
यहां पर तीरंदाजी के लिए युवाओं में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। युवा यहां पर तीरंदाजी करने के अलावा तीर-कमान की खरीददारी भी कर रहे हैं। यहां स्टाल लगाने वाले राजस्थान से आए दुकानदार रामलाल ने बताया कि धनुर्विद्या भारत की प्राचीन शास्त्र विद्या है। इसका गौरवशाली इतिहास रहा है। द्रोणाचार्य को धनुर्विद्या का सर्वश्रेष्ठ गुरु माना जाता था। उन्होंने कहा कि वे भी यहां के लोगों को तीरंदाजी सिखाकर लोगों का मनोरंजन करने के अलावा उन्हें तीरंदाजी की कला में माहिर कर रहे हैं और पिछले 30 वर्षों से इस प्राचीन कला को आगे बढा रहे हैं।
सूरजकुंड मेला में भ्रमण करने आए दिल्ली के रोहित व पंकज ने बताया कि उन्हें यहां आकर काफी अच्छा लगा और उन्होंने यहां अपने तीरंदाजी के शौक को पूरा किया। उन्होंने बताया कि उन्हें तीरंदाजी का बहुत शौक है।