Surajkund News/ Sunny Dutta : राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से फरीदाबाद के सूरजकुण्ड में चल रहे 32वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुण्ड शिल्प मेला को चाईल्ड फ्रेंडली बनाने के निर्देषों के मद्देनजर हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से सूरजकुंड मेला के माहौल को चाईल्ड फ्रेंडली बनाया गया है ताकि बच्चे मेला का भरपूर आनंद ले सकें। आयोग की ओर से मेला में आने वाले बच्चों के अधिकारों के संरक्षण का पूरा ख्याल रखा जा रहा है जो कि बाल अधिकारों के संरक्षण की दिषा में आयोग द्वारा की गई सार्थक पहल है।
सूरजकुंड मेला में चाईल्ड फ्रेंडली माहौल सुनिष्चित करने के लिए शहरी स्थानीय निकाय, महिला एवं बाल विकास, सूचना, जनसंपर्क और भाषा विभाग की मंत्री कविता जैन ने गत दिनों सूरजकुंड मेला में हरियाणा राज्य बाल आयोग द्वारा स्थापित की गई स्टालों का अवलोकन किया था ताकि सूरजकुंड मेला में आने वाले बच्चों को खुशनुमा और सुरक्षात्मक माहौल प्रदान किया जा सके।
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती जैन ने बताया कि हरियाणा राज्य बाल आयोग द्वारा सूरजकुंड मेला में चाइल्ड फ्रेंडली काउंटर स्थापित करने के अलावा हरियाणा पुलिस के सहयोग से खोया पाया सैंटर स्थापित किया गया है। मेला में आयोग द्वारा लगाई गई चाइल्ड प्रोटेक्शन स्टाल पर छोटे बच्चों के हाथ में एक ऐसा टैग बांधा जा रहा है जो बच्चे के गुम जाने पर बच्चे को उसके परिजनों व अभिभावकों के पास पहुंचा देगा। टैग बांधते समय बच्चे की फोटो और पूरी जानकारी सिस्टम में दर्ज की जा रही है जिसके जरिये से चाइल्ड प्रोटेक्शन के सदस्य बच्चे के पास आसानी से पहुंच सकते हैं। सूरजकुंड मेला में आने वाले सभी दर्शक अपने बच्चों के हाथों में टैग बंधवाकर सुरक्षित और बिना डरे मेले का आनंद ले रहे हैं।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा सूरजकुंड मेला में महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से बच्चों के लिए स्तनपान बूथ व शिशु-गृह, स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र, शिक्षा विभाग की ओर से दिव्यांग बच्चों के लिए विषेष स्टाल स्थापित किए गए हैं।
श्रीमती जैन ने बताया कि इसके अलावा आयोग द्वारा बच्चों व उनके अभिभावकों को बाल संरक्षण के प्रति भी जागरूक किया जा रहा है और उन्हें बाल अधिकार, बाल विवाह, पोक्सो एक्ट की जानकारी भी दी जा रही है। राज्य बाल आयोग बच्चों के हितों के लिए कार्य कर रहा है। आयोग द्वारा बच्चों के साथ अनैतिक व दुर्व्यवहार किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आयोग का लक्ष्य बच्चों की बचाव व सुरक्षा, बच्चों के प्रति जीरो टोलरेंस, चाईल्ड फ्रेंडली पर्यावरण बनाया जा सके।