Faridabad News : मंदिर बांटे, मस्जिद बांटे, मत बांटो इंसान को आदि गीतों एवं संभाषणों के साथ श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम परिसर स्थित स्वामी सुदर्शनाचार्य वेद वेदांग संस्कृत महाविद्यालय में स्वतंत्रता दिवस का जोरदार स्वागत किया गया। वेदपाठी विद्यार्थियों ने संस्कृत, हिन्दी एवं अंग्रेजी भाषाओं में अपनी प्रस्तुतियां दीं।
इस अवसर पर स्वामी सुदर्शनाचार्य वेद वेदांग संस्कृत महाविद्यालय के चेयरमैन एवं श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम के अधिपति श्रीमद जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने बताया कि हर जीव आजादी के साथ जीना चाहता है लेकिन हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए हमारे साथ साथ दूसरे की आजादी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि जब हम दूसरों के अधिकारों का संरक्षण करते हैं, दूसरों के प्रति दया का भाव, सहयोग का भाव रखते हैं तो परमात्मा हम पर स्वत: ही कृपा करते हैं। स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी ने बताया कि आजादी का भाव यही है कि हम वो सब बेरोकटोक कर सकें जिसके लिए समाज हमें इजाजत देता है, हमारे देश का संविधान इजाजत देता है। आजादी का मतलब मनमर्जी बिल्कुल नहीं है आजादी का अर्थ है नियमानुसार जो किए जाने योग्य है, वो हम कर सकें।
इस अवसर पर श्री गुरु महाराज ने सभी शिक्षकों, विद्यार्थियों, समिति सदस्यों, सेवादारों, आए हुए श्रोतागणों को प्रसाद एवं आशीर्वाद भी प्रदान किया। इससे पहले स्वामी सुदर्शनाचार्य वेद वेदांग संस्कृत महाविद्यालय के छात्रों ने बहुत सुंदर और सारगर्भित प्रस्तुतियों से आजादी, शिक्षा और समाज के बारे में संदेश दिए। इस महाविद्यालय में सात वर्षीय वेद का कोर्स एवं वैदिक शिक्षा प्रणाली में शास्त्री तक शिक्षा, आवास, वस्त्र सहित निशुल्क दी जाती है। दोनों ही प्रकार के कोर्स पूरी तरह से मान्यता प्राप्त हैं।