Faridabad 26 Nov 2020 : 26 नवंबर का दिन देश में संविधान दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन को राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में भी जाना जाता है। यह विचार उपायुक्त यशपाल ने आज अपने कार्यालय कक्ष में इस सम्बंध मे आयोजित शपथ ग्रहण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहे। उलेखनीय है कि उन्होंने शपथ के तौर पर उपस्थित अधिकारीयो व कर्मचारियों से यह कह कर शपथ दिलवाई कि “हम, भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व-संपन्न समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए, तथा उसके समस्त नागरिकों को: सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता प्रतिष्ठा, और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिए, तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़संकल्प होकर अपनी इस सविधान सभा मे आज 26 नवंबर, 1949 (ईस्वी) (मिति मार्ग सिर्फ शुक्ला सप्तमी संवत् 2006 विक्रमी) को एतद् द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और समर्पित करते हैं” की शपथ दिलाई।
उन्होंने कहा कि आज के दिन 26 नवंबर, 1949 को ही देश की संविधान सभा ने वर्तमान संविधान को विधिवत रूप से अपनाया था। हालांकि इसे 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया था। भारतीय संविधान में सभी वर्गो के हितों के मद्देनज़र विस्तृत प्रावधानों को शामिल किया गया है। सर्वोच्च न्यायालय की विभिन्न व्याख्याओं के माध्यम से भी बदलती परिस्थितियों के अनुसार विभिन्न अधिकारों को इसमें सम्मिलित किया गया। उन्होंने कहा कि संविधान दिवस मनाने का फैसला साल 2015 में संविधान के निर्माता डॉ. आंबेडकर के 125वें जयंती वर्ष के रूप में 26 नवंबर को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने इस दिवस को ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनाने के केंद्र सरकार के फैसले को अधिसूचित किया था। संवैधानिक मूल्यों के प्रति नागरिकों में सम्मान की भावना को बढ़ावा देने के लिए यह दिवस मनाया जाता है।