Faridabad News, 5 September 2018 : आज के तकनीकी युग में शिक्षक एक समुद्र की तरह है उन्हें पूर्ण ज्ञान की आवश्यकता है। राष्ट्र निर्माण के लिए शिक्षक एक महत्वपूर्ण कड़ी है। यह उद्गार आज यहाँ लिंग्याज विद्यापीठ में शिक्षक दिवस पर आयोजित समारोह में विद्यापीठ के कुलाधिपति डॉ. पिचेश्वर गड्डे ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि शिक्षक में सम्पूर्ण ज्ञान होना चाहिए ताकि वह छात्रों के प्रत्येक प्रश्न का सटीक उत्तर दे सके। डॉ. गड्डे ने कहा कि शिक्षक द्वारा दिया गया ज्ञान ही छात्र के लिए सर्वोपरि होता है। उन्होंने शिक्षक को कुम्हार की संज्ञा देते हुए बताया कि जिस तरह कुम्हार मिट्टी के बर्तन बनाते समय ऊपर से पीटता है परन्तु टूटने के डर से भीतर अपनी हथेली लगाकर रखता है, उसी तरह शिक्षक भी अपने छात्र को हृदय से प्यार करता है परन्तु उसे मजबूत करने के लिए डाँट भी लगता है। अपने अध्यक्षीय भाषण में विद्यापीठ के कुलपति डॉ. डी.एन. राव ने कहा कि आज के जमाने में शिक्षक को आधुनिक तकनीक का उपयोग करना चाहिए। शिक्षक को रिसर्च पर अधिक ध्यान केन्द्रित करना चाहिए और अधिक से अधिक पेपर पब्लिश कराने चाहिए। डॉ. राव ने कहा कि डॉक्टर, अधिवक्ता तथा न्यायाधीश आदि सभी शिक्षकों की ही देन हैं। विद्यापीठ की डीन (एकेडेमिक) डॉ. पामेला चावला ने अपने भाषण में कहा कि शिक्षक को छात्रों को सही रास्ता दिखाना चाहिए। नई तकनीक के अनुसार अपने को ढालना चाहिए। समारोह के प्रारम्भ में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया गया और आशा व्यक्त की कि सभी उनके जीवन से प्रेरणा लें। समारोह में विद्यापीठ के लगभग 100 से अधिक शिक्षकों एवं स्टाफ को शॉल एवं स्मृति चिंह भेंट कर सम्मानित किया गया। अन्त में समारोह के आयोजक शिक्षा विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. सुषमा रानी ने आगन्तुकों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में उपासना चौधरी, स्वाति निठानी एवं अनु राठी ने अहम रोल अदा किया।