Faridabad News : राजस्थानी संस्कृति, जो अपने आप में विशिष्ट और अनूठी है, का गौरवशाली इतिहास रहा है। राजस्थान एसोसिएशन हरियाणा की धरती पर भी इस समृद्ध संस्कृति को संरक्षित करने का कार्य कर रही है, जिससे आने वाली पीढ़ियों को अपनी सांस्कृतिक धरोहर से परिचित होने का अवसर मिलता है।
राजस्थान एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल ने इस अवसर पर बताया कि एसोसिएशन हर वर्ष तीज का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से कई वर्षों से मनाता आ रहा है। इस बार भी सदस्य परिवारों के बच्चों ने राजस्थानी और हरियाणवी संस्कृति पर आधारित नृत्य प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य समाज के बच्चों को एक मंच प्रदान करना है, जिससे वे समाज से जुड़कर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकें।
महिला इकाई की प्रधान शशी कांकानी ने बताया कि राजस्थानीं परंपराओं को बचाने और नई पीढी में आगे बढ़ाने के लिए इस प्रकार के आयोजन समय-समय पर किए जाते हैं।
महिला इकाई की सचिव उर्मिला खंडेलवाल ने इस बात पर जोर दिया कि इस प्रकार के आयोजनों से समाज को मजबूती मिलती है और हम अपनी परंपराओं को अगली पीढ़ी को विरासत के रूप में सौंपने का प्रयास करते हैं।
राजस्थान एसोसिएशन के महासचिव श्याम कांकानी ने बताया कि तीज के उत्सव पर विभिन्न प्रकार के सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें लोग इकट्ठा होते हैं और पर्व का आनंद लेते हैं।तीज उत्सव में झूले लगाए गए ,जिन पर झूलकर महिलाओं ने खुशी का इज़हार किया।
प्रोजेक्ट चैयरमेन मधुसूदन माटोलिया ने बताया कि इस तयोहार पर सभी महिलाएं नवयुवतिया रंग बिरंगी पोशाक पहन कर आई थी।एसोसिएशन ने चटपटी चाट व लजीज खाने की अच्छी व्यवस्था कर रखी थी।
कार्यक्रम की सफलता में शशिकांत मूंधड़ा, कोषाध्यक्ष एस.के गुप्ता,पूर्व अध्यक्ष एमपी रुंगटा, अरूण बजाज, मधुसूदन लड्ढा, उपाध्यक्ष गौतम चौधरी, कैलाश शर्मा, विमल खंडेलवाल,सुरेश राठी, मनोज रूंगटा, ,उमेश झँवर सुनीता झँवर,एल.पी लूणिया, डीके महेश्वरी, मंडल बाल कल्याण अधिकारी कमलेश शास्त्री और अन्य प्रबुद्ध सदस्यों का विशेष योगदान रहा।