अधिग्रहित जमीन की सुनवाई लगभग हो चुकी है पूरी : शिवदत्त वशिष्ठ

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Faridabad News, 12 April 2019 : नहरपार ग्रैटर फरीदाबाद की अधिग्रहित जमीन की सुनवाई उच्च न्यायालय में लगभग पूरी हो चुकी है। उच्च न्यायालय के फैसले का नहरपार के किसान उक्सुकतापुर्वक इंतजार कर रहें हैं। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने नहरपार के किसानों की जमीनों मात्र मु0 16 लाख रूपये प्रति एकड के हिसाब से अधिग्रहित कर लिया था। नहरपार ग्रेटर फरीदाबाद किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष शिवदत्त वशिष्ठ, एडवोकेट ने कहा कि कुल 350 एकड जमीन का नोटिफिकेशन 01/05/2006 को किया गया था और दोबारा लगभग 700 एकड जमीन का नोटिफिकेशन 07/02/2008 तथा मास्टर रोड के लिए लगभग 900 एकड जमीन का नोटिफिकेशन किया गया था किसानों ने इस अधिग्रहण जमीन के खिलाफ मुआवजा राशि में बढ़ौतरी के लिए जिला न्यायालय में पाटीशन दायर की थी जिसमें जिला न्यायालय ने 585/- रूपये वर्गगज के हिसाब से मुआवजा सुनाया था जिससे किसान संतुष्ट नहीं हुऐ। सभी किसानों ने एकत्रित होकर इस आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था उच्च न्यायालय ने मुआवजा राशि में 1230 वर्गगज के हिसाब से बढ़ौतरी कर दी थी इसके खिलाफ भी सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर की थी जिससमें सर्वोच्य न्यायालय ने सुनवाई करते हए आदेश दिया कि नहरपार की अधिग्रहित जमीन का मुआवजा हर सैक्टर, हर गांव के आधार पर अलग अलग मुआवजा सुनाया जाये सभी किसानों उच्च न्यायालय में दोबारा अपील दायर की। अब 2 साल बाद सुनवाई पूरी हो चुकी है। 01/04/2019 से रोजाना नहरपार के अधिग्रहित जमीन की सुनाई चल रही है। वरिष्ट अधिवक्ता सुधीर चपराना व समीम खान ने चण्डीगढ़ से लौटने पर बताया कि उच्च न्यायालय का अधिग्रहित जमीन पर फैसला कभी भी दे सकता है।

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