“रक्त” तमसो माँ ज्योतिर्गमय का अभियान में बच्चों को स्वास्थ्य के बारे में किया जागरूक

0
1699
Spread the love
Spread the love

Faridabad News, 18 Dec 2018 : राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सराय ख्वाजा में जूनियर रेड क्रॉस और सैंट जॉन एम्बुलैंस ब्रिगेड ने “रक्त” द राइजिंग तमसो मा ज्योतिर्गमय के सौजन्य से बच्चों के स्वास्थय, विशेष तौर पर युवावस्था में होने वाले शारीरिक परिवर्तनों के प्रभावों पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन प्राचार्या नीलम कौशिक की अध्यक्षता में किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए विद्यालय के अंग्रेजी प्रवक्ता रविंदर कुमार मनचंदा ने बच्चों को बताया की पीरियड्स यानि मासिक धर्म महिलाओं से जुड़ा विषय होने के कारण गोपनीयता तथा कई प्रकार के मिथकों से घिरा हुआ रहता है ऐसी वजह से माहवारी से सम्बंधित कई प्रकार के निषेध महलाओं और लड़कियों को सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन के बहुत से पहलुओं से बहार कर देते है। इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित “रक्त” द राइजिंग तमसो मा ज्योतिर्गमय की पूजा गुलाटी ने, जो कि दिल्ली विश्वविद्यालय की द्वितीय वर्ष की छात्रा है तथा जिन्हे अभी अभी हाल ही में सयुंक्त राष्ट्र द्वारा महिलाओं और बालिकाओं की मासिक धर्म बारे भ्रांतियों बारे और महिलाओं के सम्पूर्ण स्वास्थ्य बारे आम जागरूकता फ़ैलाने के लिए विशेष तौर पर सम्मानित किया गया, असेम्बली में उपस्थित लगभग 2500 से भी अधिक बच्चों को बताया की आज भी इतनी उन्नति करने के बाद भी सांस्कृतिक तौर पर मासिक धर्म को अशुद्ध और गन्दा माना जाता है महिलाओं को सामान्य जीवन की गतिविधियॉं में भाग लेने से रोका जाता है, खाने पीने पर आंशिक प्रतिबन्ध लगाया जाता है और रहने के लिए घर के निर्जन कोने में अलग थलग जगह दे दी जाती है यहाँ तक की सेनेटरी पैड्स के ऐठन पर गन्दा सा कपडा, गोबर या राख आदि का प्रयोग किया जाता है ऐसी कारन से महिलाओं में ओवेरी कैंसर के सब से अधिक मामले प्रकाश में आते है। “रक्त” द राइजिंग तमसो मा ज्योतिर्गमय के फोंडर प्रेजिडेंट तरुण शर्मा ने बच्चों से कहा कि उन के घर में उन की मम्मी, बहन और अन्य सभी महिलाओं कोई पीरियड्स होते है यह कोई शर्म की बात नहीं है, पीरियड्स न होना समस्या की ओर संकेत करता है इसलिए पीरियड्स के बारे में कोई संकोच न करे, धीरे धीरे जो प्रतिबन्ध मासिक धर्म वाले समय में महिलाओं पर लगते या लगाए जाते रहे है जिन का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं होने के कारण और शिक्षा के प्रसार के कारण दूर होते जा रहे है परन्तु ग्रामीण इलाकों में अभी और भी प्रयास करने और जागरूक करने की जरुरत है ताकि पीरियड्स के बारे में हम अपने माता पिता से घर में  या मित्रों से बात करते समय और जानकारी प्राप्त करते समय झिझक या संकोच न करें। रूप किशोर शर्मा ने आये हुए अथितियों का विशेष आभार व्यक्त किया। प्राचार्या नीलम कौशिक, जे आर सी व एस जे ए बी प्रभारी रविंदर कुमार मनचंदा, रेनू शर्मा, रूप किशोर व् बिजेंद्र सिंह ने पूजा गुलाटी और तरुण शर्मा का जागरूकता अभियान के लिए बहुत बहुत धन्यवाद किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here