नयी शिक्षा नीति का मूल आधार मानव रचना है : डॉ. रमेश निशंक

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Faridabad News, 25 Sep 2020 : ASSOCHAM की नेशनल काउंसिल ऑन एजुकेशन ने आज डॉ रमेश पोखरियाल निशंक, शिक्षा मंत्री, भारत सरकार के साथ “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: शिक्षा का उज्जवल भविष्य” विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया।

श्री निरंजन हीरानंदानी, अध्यक्ष, एसोचैम; डॉ. प्रशांत भल्ला, अध्यक्ष, एसोचैम राष्ट्रीय शिक्षा परिषद और अध्यक्ष, मानव रचना शैक्षणिक संस्थान; श्री कुंवर शेखर विजेंद्र, सह-अध्यक्ष, एसोचैम राष्ट्रीय शिक्षा परिषद; श्री विनीत गुप्ता, सह-अध्यक्ष, एसोचैम राष्ट्रीय शिक्षा परिषद; श्री अनंत कुमार सोनी, प्रो चांसलर और अध्यक्ष, AKS विश्वविद्यालय; सुश्री दिव्या लाल, प्रबंध निदेशक, Fliplearn Education; प्रो (डॉ) संजय बी चोरडिया, संस्थापक अध्यक्ष, सूर्यदत्त एजुकेशन फाउंडेशन और श्री नीरज अरोड़ा, एसोचैम ने 1000+ शिक्षाविदों, कॉर्पोरेट नेताओं और नीति निर्माताओं को संबोधित किया।

पैनल ने शिक्षा मंत्री को एक अच्छी तरह से संरचित और सुविचारित राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी 2020) के लिए बधाई दी और इसके कार्यान्वयन से संबंधित चुनौतियों के साथ-साथ सुझावों को भी रखा।

श्री रमेश पोखरियाल निशंक जी ने अपने विचारों को व्यक्त करते हुए कहा की, प्रशांत भल्ला जी की बातें और उनका एक सशक्त कदम जो उनके संपूर्ण मानव विकास और शिक्षा वृद्धि की मंशा की अभिव्यक्ति करता है, मेरे नज़दीक एक सराहनीय गुणवत्ता का प्रतीक है | भारत देश तक्षशिला और नालन्दा विश्वविद्यालय का देश है और ये शिक्षा नीति हमारे देश की नीति है, भारत को एक बार फिर से शिक्षा क्षेत्र में उच्चतम स्थान पे ले जाने के लिए | आज दुनिया के लगभग ८-१० देशो ने भारत को संपर्क करके हमारे यहाँ के देश की शिक्षा नीति को सराहा है | इस नयी नीति को न सिर्फ शिक्षा की तरफ बल्कि जीवन मूल्यों की तरफ भी मोड़ा गया है | ये बस एक नीति नहीं , एक विचार है हमारे देश में संपूर्ण मानव के विकास और रचना के लिए | माननीय प्रधान मंत्री जी के सक्षम नेतृत्व में ये नयी शिक्षा नीति हमारे स्वर्णिम भारत की आधारशिला बनेगी | हमारा स्वर्णिम हिंदुस्तान जो की सक्षम होगा, स्वच्छ होगा और आत्मनिर्भर होगा।

श्री निरंजन हीरानंदानी ने सराहना कीऔर कहा : “एनईपी 2020 एक ज्ञान क्रांति लेकर आया है जो प्रत्येक बच्चे को शिक्षा और रोजगार के लिए अवसर प्रदान करेगा। यह एक नया रास्ता है जिसे देश में पहले कभी नहीं देखा गया था।

एसोचैम राष्ट्रीय शिक्षा परिषद के चेयरमैन और मानव रचना शैक्षणिक संस्थान के अध्यक्ष डॉ. प्रशांत भल्ला ने भी डॉ. रमेश पोखरियाल के सामने अपने विचार रखे, उन्होने कहा,”नयी शिक्षा नीति का उद्देश्य यह है की शिक्षा का आधार भारतीयता पर हो और उसका स्तर अन्तराष्ट्रीय हो और शिक्षण संस्थानों का उद्देश्य हो की हर विद्यार्थी शिक्षार्थ आये और सेवार्थ जाए । निश्चित रूप से यह शिक्षा नीति पूर्ण रूप से भारतीय है।”

सभी दिग्गजों का एक मूल उद्देश्य था की नीति को अब सफलतापूर्वक आगे की ओर किस प्रकार ले कर जाएँ जिससे की भारत को शिक्षा क्षेत्र में वैश्विक नेता बनाने का सपना साकार हो पाए नई शिक्षा नीति सिर्फ स्किलिंग ही नहीं व्यापक विकास की भी बात करती है।

इनमें नैतिकता, इन्डॉलोजी, भारतीय संस्कृति, संस्कार, संविधान, सोसाइटी के प्रति जिम्मेदारी भी शामिल हैं, जो कि एक स्ट्रीम तक सीमित नहीं होंगी बल्कि हर स्ट्रीम के छात्र को यह पढ़ाया जाएगा।

इन सबसे छात्रों का बहुमुखी विकास होगा, जिससे वह अच्छे नागरिक, अच्छे मानव, अच्छे देश प्रेमी, अच्छे प्रोफेश्नल और ग्लोबल लेवल सिटिजन बन सकेंगें। अब रिसर्च के लिए सरकारी और निजी शैक्षणिक क्षेत्रों को समान रूप से फंडिंग दी जाएगी, जिसका भविष्य में अच्छा रिटर्न देखने को मिलेगा।

यह साझा करते हुए कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के लिए 15 लाख से अधिक सुझाव पहले ही मिल चुके हैं, मंत्री जी ने सभी से और सुझाव मांगे। उन्होंने कहा: “मैं एनईपी 2020 के कार्यान्वयन के लिए मिशन मोड पर एक टीम इंडिया के रूप में काम करने के लिए आप सभी का इंतजार कर रहा हूं।”

 

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