फरीदाबाद। श्री श्रद्धा रामलीला कमेटी द्वारा सेक्टर-14 स्थित डीएवी स्कूल के ऑडिटोरियम में चल रही रामलीला का मंचन देखने के आसपास के लोगों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। रामलीला के पांचवें दिन हनुमान माता सीता का पता लेकर लंका दहन करके वापिस श्रीराम के पास आते हैं और पूरा वक्तव्य बताते है, जिसे सुनकर लक्ष्मण बड़े दुखी हो जाते है और राम जी से कहते है :-
देखते रहना है तो, साथ गहना ले चलें।
सुग्रीव से कह दो कि, सागर तट पर सैना ले चलें।।
देवर सति भाभी का हूं, यदि भाई हूं रघुबीर का।
कहता हूं कर में ले धनुष, फल चूम तीखे तीर का।।
अवतार हूं मैं शेष का, फन अपना फैलाऊंगा।
पानी न दूंगा मांगने, रावण को मैं डस जाऊंगा।।
रोकेगा अब यदि काल तो, काल से टकराऊंगा।
सौगन्ध है भ्राता आपकी, माता छुड़ा ले आऊंगा।
्ररामलीला के आगे मंचन में रावण क्रोध में विभिषण जी को दरबार से निकाल देते हैं फिर विभिषण जी राम जी के पास आते हैं और एक बार अंगद जी को भेजतें हैं। रावण को समझाने के लिए अगर रावण मान जाए, माता सीता जी को राम जी के पास लौटने के लिए सम्मान के साथ नही तो युद्ध का ऐलान करके आ जाना। इस दौरान रावण कहता है :-
छुपेगा न सूरज, कभी कन्दील के आगे।
बिलखते फिर रहे हैं, जिस नारी के मातम मेे।
यों ही मर जाएंगे, पत्थरों से सिर फोड़ कर गम में।।
तब अंगद कहते हैं :-
राम तो भगवान हैं, वो सर्वशक्ति मान हैं।
साक्षी इस दास के, दावा के जानी जान हैं।।
काल तेरा आयेगा, जब राम रंण में आयेंगे।
जानकी उनकी ही हैं, जब चाहेंगे जले जायेंगे।
किन्तु हम आसान युक्ति, आप को बतलायेंगे।
आपके योधा गर, मेरा पांव उठा भी पायेंगे।।
सत्य कहता हूं मुझे, श्रीराम की सौगन्ध है।
भक्त की सौगन्ध का, भगवान भी पाबन्ध है।।
सार्थक मेरा कथन, करके अवश्य दिखलायेंगे।
राम तज कर जानकी, नाकाम वापस जायेंगे।
रामलीला में रावण-अंगद संवाद बेहतरीन निभाया गया। अंगद का रोल काशिश चावला ने बहुत ही जबरदस्त रोल निभाया जो डायरेक्टर अनिल चावला के सुपुत्र है और अनिल चावला लक्ष्मण का रोल भी निभाते हैं और रावण के जबरदस्त रोल निभाने वाले श्रवण चावला ने निभाया। रामलीला अपने अंतिम पड़ाव पर है और कलाकारों अपने मंचनों में पूरी जान फूंक रहे है, जिसे देखकर श्रोताओं की उन्हें जमकर वाहवाही मिल रही है।