February 22, 2025

कोरोना मरीजों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है मानसिक पीड़ा

0
105
Spread the love

New Delhi, 21 Sep 2020 : लॉकडाउन की शुरुआत से ही पूरी दिल्ली-एनसीआर में एक कॉल पर जरूरतमंद लोगों तक मदद पहुंचाने वाले डॉ. संजीव अरोड़ा आज खुद परिवारसहित कोरोना की चपेट में हैं। कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर पहले वे होम क्वारंटीन हुए, लेकिन तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर माता-पिता के साथ द्वारका के आकाश हॉस्पिटल में भर्ती हुए। कोरोना मरीज के रूप में पिछले दस दिनों के अस्पताल के अनुभव के बारे में वे कहते हैं, कभी लगता है हालात संभल जाएंगे, तो कभी बुहत मुश्किल लगता है। इससे बहुत ज्यादा मानसिक पीड़ा होती है। शारीरिक दिक्कतें तो डॉक्टर की दवाइयों से दूर हो जा रही हैं, लेकिन मानसिक पीड़ा से निपटना बहुत बड़ी चुनौती साबित हो रही है। कभी सांस लेने में परेशानी होती है, तो कभी लगता है सीने पर किसी ने पत्थर रख दिया है। खांसी होती है और कई बार दस्त भी लग जाते हैं। विटामिन की गोलियां एवं कई इंजेक्शन दिन में दिए जाते हैं, जिससे गैस बन जाती है और परेशानी फिर बढ़ जाती है। एक जगह आप कब तक बैठे रहेंगे। आदमी परेशान हो जाता है। इस परेशानी से बचने के लिए हम मेडिटेशन करते हैं। योगनिद्रा, शवासन करने से मन शांत होता है। सबसे बड़ी बात है अस्पताल के स्टाफ हिम्मत बंधाते रहते हैं, इससे पॉजिटिव माहौल बनाने में मदद मिलती है। इससे उम्मीद बंधी है कि बहुत जल्द कोरोना से जंग जीतूंगा।

इस बारे में आकाश अस्पताल, द्वारका के डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. अजीत पाल सिंह कहते हैं कि यह बीमारी दो तरफ से मरीज पर वार करती है- एक शारीरिक एवं दूसरा मानसिक। हमें कोरोना मरीजों के शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य का भी ख्याल रखना पड़ता है। इसके लिए हम मरीज का बर्थडे आदि सेलिब्रेट करते हैं, ताकि उन्हें घर जैसा माहौल मिल सके। और वे कोरोना को हरा सकें।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *