Faridabad News, 22 Dec 2020 : व्यक्तिगत रूप में सिर पर मैला ढोना केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए मैनुअल एक्वजर्स प्रतिबंध एवं पुनर्स्थापना अधिनियम-2013 एम.एस. एक्ट 2013 प्रभावित 6 दिसंबर-2013 की अनुपालना में गैरकानूनी है। इस अधिनियम की धारा-6 के तहत इसके पूर्व किसी भी संस्था या एजेंसी द्वारा किया गया। इस प्रकार का कोई भी ठेका अथवा अनुबंध स्वतः अमान्य है। ने बताया कि केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा समय-समय पर इस संबंध में जिले की प्रगति व स्थिति बारे जानकारी ली जाती है। एक्ट की धारा-18 व 19 के तहत शक्तियों के अनुसार वे जिलाधीश के रूप में जिले में मैनुअल एक्वजर्स प्रतिबंधित करने व इसका उल्लंघन करने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई करने में सक्षम है। अतः जिले में किसी नियोक्ता, संस्था अथवा एजेंसी द्वारा इस अधिनियम की अवहेलना करना किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गत अक्टूबर 2014 से शुरू किए गए स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत जिला खुले में शौच से मुक्त प्रमाण पत्र प्राप्त (ओडीएफ) कर चुका है। शहरी के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय बनाया चुके हैं। इसके परिणाम स्वरूप व्यक्तिगत रूप में सिर पर मैला ढोने (मैनुअल एक्वजर्स) जैसी कुप्रथा के संचालन की तो कोई सम्भावना नहीं जाती फिर भी उन्होंने सभी संबंधित नियोक्ताओं, संस्थान एवं एजेंसियों को सूचित किया है कि इस अधिनियम की अनुपालना शत-प्रतिशत रूप में सुनिश्चित की जाए। एम.एस. एक्ट-2013 की अवहेलना करने व दोषी पाए जाने वाले के खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई अमल में लाई जा सकेगी। जिसके परिणाम स्वरूप 2 वर्ष की सजा और एक लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।