Faridabad News, 01 feb 2019 : 33वें अंतर राष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेले में इस बार 1600 देश विदेश के शिल्पकारों के स्टॉल लगाएं गए हैं। इनमें थीम स्टेट महाराष्ट्र के हस्त शिल्पी इस बार कुछ ज्यादा आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं। मेले के पहले दिन बड़ी चौपाल के पास कोसा शिल्प से बुनी हस्त निर्मित साडियों की स्टॉल पर मेले में देश-विदेश से आए दर्शकों का हुजुम देखने को मिला है। जहां हस्त शिल्पकारों ने स्टॉल पर स्थापित हथकरघे द्वारा निर्मित साडियां सभी के आकर्षण का केंद्र रही।
महाराष्ट्र के नागपुर से मेले में विशेष तौर पर अपनी कला का प्रदर्शन करने पहुंचे हस्त शिल्पकार गजानन वासुदेव डिकाटे ने दर्शकों को अपनी कलां की बारीकियों के बारे में बताते हुए कहा कि उनकी पिछली तीन पीढियां इस कार्य में लगी हुई हैं और उनके द्वारा हाथ से निर्मित साडिय़ों, शॉल व अन्य प्रकार के होजरी सामान की मांग विदेशों तक है। उन्होंने बताया कि वे व उनका परिवार बरसों से इस कार्य को बखूबी करते हुए हस्त शिल्प की प्राचीन संस्कृति और विरासत को संजोए रखने में संजीदगी से भूमिका निभा रहे हैं।
उन्होंने कोसा शिल्प की साडियों की विशेषता बताते हुए कहा कि इनमें बारिक काशीदा कारी का कार्य हजारों लोगों को रोजगार दे रहा है। महाराष्ट सरकार भी सोसायटी के माध्यम से इन शिल्पकारों को संगठित कर सभी साधन मुहैया करवा रही है। आज हमारे हस्त शिल्प की देश-विदेशों में भारी मांग है।