Faridabad News, 13 April 2021 : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि बैसाखी का पर्व सामूहिक जीवन की खुशियां, उल्लास और भाईचारे का संदेश देता है। इस बैसाखी त्यौहार को अलग-अलग प्रांतों में अलग-अलग नाम और अनोखे अंदाज में मनाया जाता है। इसी दिन किसान अपनी फसल को बाजार और घर में लेकर आता है। इस पर्व से जुड़े किसान, मजदूर और अन्य उपकरण बनाने वाले लोगों के जीवन में भी खुशहाली आती है। इसलिए इस प्रकार के पर्वो से हमें शिक्षा और संस्कार भी मिलते हैं।
मुख्यमंत्री आज कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय व हरियाणा कला परिषद के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित बैसाखी उत्सव में बोल रहे थे। इससे पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल और कला एवं सांस्कृतिक मंत्री कंवर पाल ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के 5 करोड़ 38 लाख की लागत से निर्मित संग्रहालय पहली जंग-ए-आजादी 1857 तथा वाल ऑफ हीरोज गैलरी का लोकार्पण भी किया। यहां पर मुख्यमंत्री ने पौधारोपण भी किया। इस संग्रहालय में परमवीर चक्र हासिल करने वाले वीरों की तस्वीर पर पुष्प भी अर्पित किए।
मुख्यमंत्री ने मंच पर प्रस्तुति देने और उनके सहयोगी कलाकारों को 3100-3100 रूपये, पानीपत की नन्हीं कलाकारा हिति बतरा को 31 हजार रूपये देने की घोषणा करने के साथ-साथ हरियाणा कला परिषद कुरुक्षेत्र के परिसर में कलाकारों के ठहरने के लिए एक भवन का प्रस्ताव तैयार करने की घोषणा की है। यह छात्रावास भवन कुरुक्षेत्र में लगने वाले मेलों के दौरान भी प्रयोग किया जा सकेगा। इतना ही नहीं हरियाणा के कला एवं सांस्कृतिक मंत्री श्री कंवर पाल ने कलाकार रामकेश को 51हजार रूपये देने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को नववर्ष, बैसाखी, नवरात्र आदि पर्वो की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हरियाणा कला परिषद की तरफ से दो दिन का सांस्कृतिक उत्सव किया जाना था लेकिन कोराना महामारी के कारण इसे संध्याकालीन कार्यक्रम के रूप में सीमित करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार के त्यौहारों से हरियाणा प्रदेश का तानाबाना जुड़ा हुआ है। इस प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत अनमोल है। इसी में कला और संस्कृति भी जुड़ी हुई है। युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाने के लिए कला और सांस्कृतिक उत्सवों का आयोजन बहुत जरूरी है। इसी उद्देश्य को जहन में रखकर हरियाणा कला परिषद के अधिकारी और कलाकार गांव-गांव और शहरों में जाकर लोगों का एकत्रित कर प्रदेश की संस्कृति से रूबरू करने का काम कर रहे हैं। इसके लिए हरियाणा कला परिषद के निदेशक संजय भसीन, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा व उनकी टीम सराहनीय कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले की सरकारें सत्ता को भोगने के उद्देश्य से आती थी लेकिन हमने राज को सेवा करने का साधन बनाया। इस प्रदेश की 2.75 करोड़ जनता को अपना परिवार बनाया और हरियाणा एक हरियाणवी एक के उद्देश्य से प्रदेश को एकता के सूत्र में पिरोने के उद्देश्य से काम किया। सरकार का उद्देश्य है कि हरियाणा का गौरव पूरे विश्व में एक मुकाम हासिल करे और पूरी दुनिया यहां की अनोखी संस्कृति को जान सके।
हरियाणा के कला एवं सांस्कृतिक मंत्री श्री कंवर पाल ने बैसाखी पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अच्छे नागरिक बनने के लिए प्रदेश की संस्कृति और कला से रूबरू होना बहुत जरूरी है। किसी भी प्रदेश के कलाकार अपनी कला से समाज को पूरी तरह प्रभावित करते हैं और सामाजिक कुरीतियों को दूर करने में अहम योगदान भी देते हैं। प्रदेश सरकार विलुप्त हो रही कला और कलाकारों को सहेजने का काम कर रही है। सरकार ने संकल्प लिया है कि बीन बांसुरी, नगाडे जैसी विधाओं का आयोजन प्रत्येक सांस्कृतिक कार्यक्रम में हो ताकि इन कलाकारों का सहेज के रखा जा सके।
इस मौके पर सांसद नायब सिंह सैनी, सांसद संजय भाटिया, विधायक सुभाष सुधा, विधायक एवं चैयरमैन रामकरण काला, कला एवं संस्कृति विभाग के प्रधान सचिव डी. सुरेश, हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमिच, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा, उपायुक्त श्रीमती शरणदीप कौर बराड़, पुलिस अधीक्षक हिमांशु गर्ग सहित अधिकारीगण व विश्वविद्यालय के डीन व निदेशक मौजूद रहे।