Faridabad News, 10 Oct 2018 : नवरात्रों की शुरूआत के साथ ही सिद्धपीठ मां वैष्णोदेवी मंदिर में बुधवार को भव्य पूजा अर्चना की गई। नवरात्र के पहले दिन मंदिर में प्रातकाल से भक्तों का तांता लगना आरंभ हो गया। मंदिर में भव्य स्तर पर पूजा अर्चना की गई।
नवरात्र के प्रथम दिन मंदिर में मां शैलपुत्री की पूजा की गई। इस अवसर पर भक्तों ने मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना करते हुए अपने मन की मुराद मांगी। इस अवसर पर शहर के प्रमुख लोगों ने भी मंदिर में पहुंचकर मां शैलपुत्री की पूजा की और उनके भव्य दर्शन किए।
इस अवसर पर मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने सभी श्रद्धालुओं का स्वागत किया। मंदिर में आज लखानी अरमान गु्रप के चेयरमैन के.सी. लखानी, उद्योगपति आर.के.बत्तरा, मंदिर संस्थान के चेयरमैन प्रताप भाटिया, उद्योगपति आर के जैन, उद्योगपति आनंद मल्होत्रा, रमेश सहगल, पूर्व विधायक चंदर भाटिया, राहुल मक्कड, धीरज पुंजानी, प्रदीप झांब, फकीर चंद कथूरिया, नेतराम, ललित भाटिया,एसपी भाटिया, एवं गिर्राजदत्त गौड़ प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
पूजा अर्चना के अवसर पर मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने बताया कि शैलपुत्री देवी का वह अवतार है जिसने पर्वतों के राजा हिमवंत (या हिमालय) की पुत्री के रूप में जन्म लिया था. इन्हें पार्वती के नाम से भी जाना जाता था। पार्वती यह नाम पर्वत शब्द से निकला है. पहाड़ को संस्कृत में पर्वत कहा जाता है. अपने पूर्व जन्म में देवी पार्वती सती थी। नवरात्रि के दूसरे दिन देवी दुर्गा के उमा या ब्रह्मचारिणी रूप की पूजा की जाती है. देवी का यह रूप परम सत्य जानने के लिए तप या गहरी तपस्या को दर्शाता है । श्री भाटिया ने बताया कि जो भक्त सच्चे मन से मां शैलपुत्री की पूजा करते हुए मन की मुराद मांगता है, वह अवश्य पूर्ण होती है।