Faridabad News, 26 Dec 2018 : दिल्ली एनसीआर में इंडोगमा फिल्म फेस्टिवल 2018 का फ़िनाले फरीदाबाद में होने जा रहा है। नगर निगम सभागार में होने वाले फिनाले में मुंबई से आएंगे नामचीन फिल्म विशेषज्ञ। दो दिवसीय फिनाले में पहले दिन 28 दिसंबर को जेसीबोस वाईएमसीए यूनिवर्सिटी के सभागार में अंतिम राउंड की स्क्रीनिंग होगी। उसके उपरांत इंडोगमा फिल्म फेस्टिवल 2018 फ़िनाले नगर निगम सभागार में 29 दिसंबर को होगा जिसमें विजेताओं को नकद पुरुस्कार और ट्रॉफी देकर सम्मानित किया जायेगा।
इंडोगमा फिल्म फेस्टिवल 2018 (आईएफएफ) के डायरेक्टर श्री चन्दन मेहता ने उपरोक्त जानकारी दी। श्री मेहता ने बताया कि भारत में वैसे तो फिल्मों के प्रति आम जनता में बहुत दीवानापन है लेकिन लघु फिल्मों को तमाम खूबियाँ होने के बावजूद कोई उपयुक्त प्लेटफॉर्म नहीं मिल पा रहा है । इन कलाकारों को एक बेहतर मंच देने और लघु फिल्मों के निर्माताओं को उत्साहित करने के उद्देश्य से हरियाणा फिल्म नीति की घोषणा होने के बाद इंडोगमा फिल्म फेस्टिवल 2018 का आयोजन किया गया । नवंबर में शुरू हुए इस फिल्म समारोह में भाग लेने के लिए लघु फिल्मों और म्यूजिक एल्बम बनाने वाले कलाकारों से ऑनलाइन एंट्री ली गई । नवम्बर 2018 में कुल 180 प्रतिभागियों की फिल्मों की पहली स्क्रीनिंग फरीदाबाद स्थित वाईएमसीए विश्वविद्यालय में आयोजित की गई । इस स्क्रीनिंग के बाद दूसरी स्क्रीनिंग के लिए 40 प्रतिभागियों को चुना गया। इसके बाद इन फिल्मों को ऑनलाइन स्ट्रीमिंग के जरिये आम आदमी के देखने के लिए और ऑनलाइन वोटिंग के लिए उपलब्ध किया गया । 15 दिसंबर से 20 दिसंबर तक भारी संख्या में ऑनलाइन वोटिंग हुई। बड़ी संख्या में वोटिंग से यह निश्चित हो गया कि आम आदमी में इन लघु फिल्मों के प्रति रुचि है और इस प्रकार की फिल्मों का भविष्य उज्ज्वल है।
इंडोगमा फिल्म फेस्टिवल 2018 (आईएफएफ) के डायरेक्टर श्री चन्दन मेहता ने प्रैस को जारी विज्ञप्ति में बताया कि फ़ाइनल स्क्रीनिंग 28 दिसंबर को वाइएमसीए यूनिवर्सिटी में की जाएगी । इस स्क्रीनिंग के बाद विजेता निश्चित होंगे । विजेताओं के नाम 29 दिसंबर को एम सी एफ ऑडिटोरियम फ़रीदाबाद में होने वाले एक विशेष कार्यक्रम में किया जाएगा। इस अवसर पर विजेताओं को ट्रॉफी से सम्मानित किया जाएगा। ट्रॉफी का अनावरण भी किया गया।
अभिनेता एवं निर्देशक चन्दन मेहता ने बताया कि इस फिल्म फेस्टिवल की थीम जहां उनका स्वयं का सुझाव था। मुझे मेरी जैसी रूचि और सोच वाले लोगों का साथ मिला। उन्होने बताया कि प्रमुख रूप से मुकेश गंभीर, डाइरेक्टर जनरल आईएफएफ जो स्वयं एक शायर हैं और कम्यूनिटी रेडियो को फ़रीदाबाद में लाने के लिए उन्हें याद किया जाता है। उनका का योगदान सराहनीय रहा है। इनके अतिरिक्त अश्वनी प्रभाकर, पेट्रोन आईएफएफ, जो जाने माने शिक्षाविद हैं और जिन्हें इंजीन्यरिंग और मैनेजमेंट के कॉलेज के लिए जाना जाता है। श्री मेहता ने बताया कि शिक्षाविद शरत कौशिक, आईएफएफ के पेट्रोन का भी इस दिशा में विशेष योगदान रहा।