Faridabad News, 13 Feb 2019 : 33वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले के तेरहवें दिन बड़ी चौपाल पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम पंजाबी कलाकारों के नाम रहा। कलाकारों ने एक से बढकर एक पंजाबी गीतों तथा पंजाबी कोरियोग्राफी तथा पुरानी हिंदी फिल्मों के गीतों व नगमों के माध्यम से दर्शकों का मन मोह लिया।
सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम में श्री विश्वकर्मा कौशल विकास विश्वविद्यालय के कुलपति राज नेहरू ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होंने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि यह मेला भारत में यूनिटी इन डाइवरसिटी का उदाहरण है। यह मेला देश-विदेश के लिए प्रेरणा का स्त्रोत भी है। मेले में लगाई गई स्टॉलों में हाथों से बनाए गए विभिन्न सामान का आदान-प्रदान भी हो रहा है।
सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि कुलपति राज नेहरू ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया। रात्रि रंगारंग कार्यक्रम पंजाबी कलाकारों के नाम रहा। पंजाबी कलाकारों ने एक से बढकर एक पंजाबी गीतों की कोरियोग्राफी, भंगड़ा, गिद्दा, कॉमेडी सहित 1945 से लेकर 1980 तक के विभिन्न पुरानी हिंदी फिल्मों के गीतों व नगमों की प्रस्तुतियां दी गई। कलाकारों ने दर्शकों को पंजाबी फॉग सांग सुनाकर व अपनी मधुर प्रस्तुति देकर खूब आनंदित किया। वहीं दर्शकों ने भी तालियां व सीटीयां बजाकर कलाकारों की हौसला आपजाई की।
कलाकार दीपक कुमार जो मौहम्मद रफी अवॉर्ड से नवाजे जा चुके हैं उन्होंने हिंदी फिल्म कर्ज का गीत दर्दे दिल दर्दे जिगर दिल में जगाया आपने गाया तो दर्शक तालियों की गडग़डाहट के साथ झूम उठे। मशहूर अदाकारा शायरा खान ने हावडा ब्रिज फिल्म का गीत आइए मेहरबान, देव मुर्खजी ने नीले नीले अम्बर पर चांद जब छाए दिल को तरसाए मन को तडपाए गीत गाया तो दर्शकों ने खूब तालियां बजाई। तूहिना चटर्जी ने रोज शाम आती थी गीत गाकर दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। इसके अतिरिक्त कलाकारों ने विभिन्न हिंदी फिल्मों के गीत गाकर दर्शकों का खूब मनोरंजन किया।
इस अवसर पर श्री विश्वकर्मा कौशल विकास विश्वविद्यालय की परीक्षा नियंत्रक चंचल भारद्वाज, मेले के नोडल अधिकारी राजेश जून सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों सहित सैंकड़ों पर्यटकों ने कार्यक्रम में उपस्थित रहकर सांस्कृतिक संध्या का आनंद लिया।