Faridabad News : उद्योग मंत्री विपुल गोयल का कहना है कि राज्य सरकार सरकारी खरीद में अनुसूचित जाति, जनजाति के उद्यमियों की भागीदारी प्रभावी बनाने के प्रयास में जुटी है। उन्होंने आंकड़े प्रस्तुत करते हुए कहा कि राज्य में एससी-एसटी 20 फीसद हैं मगर उद्योगों में उनकी भागीदारी सिर्फ एक फीसद है। सरकार चाहती है कि उद्योगों में अनुसूचित जाति, जनजाति की भागीदारी 4 फीसद तक पहुंचे। तभी सरकार अंत्योदय (समाज के अंतिम व्यक्ति का उत्थान) योजना को सार्थक कर सकेगी। गोयल बृहस्पतिवार को सूरजकुंड में आयोजित राष्ट्रीय एससी-एसटी हब कॉन्क्लेव का शुभारंभ करने के बाद उपस्थित उद्यमियों को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर हरियाणा राज्य औद्योगिक संसाधन विकास निगम के प्रबंध निदेशक डॉ.राजाशेखर वंडरू सहित गुरुग्राम मंडलायुक्त डॉ.डी.सुरेश भी मौजूद थे।
डॉ.राजाशेखर वंडरू ने उपस्थित उद्यमियों को बताया कि केंद्र सरकार ने सभी विभागों में कुल सरकारी खरीद का 20 फीसद सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योगों से खरीदने का लक्ष्य तय किया है। इसके अलावा इस 20 फीसद में चार फीसद अनुसूचित जाति, जनजाति के उद्यमियों से खरीद आवश्यक है। आइ एम एसएमई ऑफ इंडिया के चेयरमैन राजीव चावला ने कहा कि उद्यमियों को सबसे पहले सरकार की नीतियों का ज्ञान होना चाहिए। जहां सूक्ष्म, लघु व मध्यम वर्गीय उद्योगों के लिए सरकारी खरीद में प्राथमिकता है वहीं अनुसूचित जाति व जनजाति के उद्यमियों के लिए भी इसमें 4 फीसद का हिस्सा तय है। ऐसे में नए उद्यमियों को उद्यम विकसित करने में कोई कठिनाई नहीं होगी, क्योंकि उनके माल के खरीदार तो पहले से ही तैयार हैं। इस मौके पर उपस्थित उद्यमियों को विभिन्न बैंकों की आसान ऋण योजना के बारे में भी जानकारी दी गई।