Faridabad News, 24 feb 2019 : जिले की जनता को बेमौत मारने की तैयारी फरीदाबाद के कई विभाग के अधिकारी और नेता मिलकर कर रहे हैं। नेता और अधिकारी मिलकर कहीं अरावली पर बड़े बड़े होटल बनवा रहे हैं और एक पुराने ऐक्ट में संशोधन करवा रहे हैं तो अधिकारी भी उनसे कम नहीं हैं। ये कहना है बार एसोशिएशन के पूर्व अध्यक्ष एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एल एन पाराशर का जिन्होंने आज फरीदाबाद के पन्हेड़ा कलां में कटे कई दर्जन हरे पेड़ देख वन विभाग के अधिकारियों पर बड़े सवाल उठाये।
वकील पाराशर ने कहा कि मैं मौके पर गया और वहां लगभग दो दर्जन हरे पेड़ कटे दिखे जिसके बाद मैंने वन विभाग के अधिकारियों को कई बार फोन किये लेकिन सबके फोन बंद जा रहे थे। किसी अधिकारी का फोन आन नहीं मिला तो मैंने थाना छायंसा के एसएचओ के पास फोन किया और उन्होंने पहली बार में फोन रिसीव कर कहा कि मैंने मौके पर जाऊंगा और पेड़ काटने वालों पर कार्यवाही करवाऊंगा। उन्होंने कहा कि यहाँ पेड़ बड़ी चालाकी से समाप्त किये जा रहे हैं उन्हें जेसीबी से उखड़वाया जा रहा है ताक़ि पेड़ माफिया कह सकें कि हमने पेड़ कटवाया नहीं ये उखड गए हैं। पाराशर ने कहा कि फरीदाबाद में ऐसा कोई तूफ़ान इस हफ्ते में नहीं आया जब एक ही जगह के दो दर्जन से ज्यादा पेड़ उखड गए हों।
वकील पाराशर ने कहा कि मुझे कुछ ग्रामीणों ने बताया कि ये पेड़ स्थानीय सरपंच कटवा रहा है इसलिए मैंने वन विभाग के अधिकारियों से पूंछना चाहा कि पेड़ काटने की परमीशन ली गई है कि नहीं लेकिन अधिकारियों के फोन स्विच आफ होने से कोई जानकारी नहीं मिल सकी। वकील पाराशर ने कहा कि मैंने पंचायत सदस्य रामकुमार से बात की तो उन्होंने कहा कि पंचायत में हरे पेड़ काटने या कटवाने का कोई लिखित प्रस्ताव नहीं पास करवाया गया है।
वकील पाराशर ने कहा कि एक तरह पौधारोपण अभियान चलाकर पौंधे लगाए जाते हैं तो दूसरी तरफ बड़े बड़े हरे पेड़ कटवाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि फरीदाबाद दुनिया में प्रदूषण में दूसरा स्थान ऐसे ही नहीं पाया ये सब वन विभाग, खनन विभाग के अधिकारियों और नेताओं की देन है। उन्होंने कहा कि फरीदाबाद का दुर्भाग्य है कि पर्यावरण इसी जिले के निवासी हैं और फरीदाबाद को प्रदूषण से नहीं बचा पा रहे हैं। कहीं पहाड़ तवाह किया जा रहा है तो कहीं जंगल उजड़ रहा है। हरे पेड़ काटे जा रहे हैं। पाराशर ने कहा कि पन्हेड़ा कलां में जो कोई भी हरे पेड़ कटवा रहा है उसके खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज करवाई जाये। पाराशर ने कहा कि अगर जल्द कार्यवाही न की गई तो मैं वन विभाग के अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज करवाऊंगा।