मंदिर श्री बांके बिहारी में छठी पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया

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Faridabad News, 30 Aug 2019 : मंदिर श्री बांके बिहारी नम्बर-5 में श्री सनातन धर्म सभा द्वारा छठी पर्व बड़े धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर झूले में नन्हें कृष्ण कन्हैया जी को विराजमान किया गया और वहां मौजूद सभी श्रृद्वालुओं ने उन्हें झूला झूलाकर आर्शीवाद लिया। इस मौके पर मंदिर की महिला मण्डली ने भक्ति गीतों पर नाचकर वहां उपस्थित और लोगों को भी झूमने पर मजबूर कर दिया। इस अवसर पर मंदिर के प्रधान महंत ललित गिरी गोस्वामी ने सभी को छठी पर्व की बधाई देते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में बालक के जन्म के छठे दिन(देव सेन) अर्थात छठी देवी के पूजन का विधान है। उन्होनें कहा कि यह देवी बच्चों की मां के समान उनकी रक्षा करती है,उन्हें स्वस्थ रखती है। इससे बच्चों को पूतना,डाकनी,शाकिनी आदि का भय नहीं रहता। वे सदैव निर्भीक उत्साही और साहसी बने रहते है। इसलिए बच्चों की अनिष्ट शक्तियों से रक्षा हेतू प्रत्येक परिवार में सामूहिक रूप से छठी देवी का पूजन बड़े श्रृद्वाभाव से किया जाता है। महंत ललित गिरी गोस्वामी ने कहा कि इसी परम्परा का निर्वाह करते हुए माता यशोदा ने अपने लल्ला की सुरक्षा के लिए छठी देवी का पूजन किया था जिससे यह स्पष्ट है कि यह परम्परा आज से हजारों वर्षो पूर्व भी मनाई जाती थी। इस अवसर पर आचार्य संतोष जी महाराज ने कहा कि आज की नई पीढ़ी इन सब परम्पराओं को अपवाद समझकर धीरे धीरे अपनी परम्पराओं को भूल रहे है जिस कारण से नाना प्रकार के बिमारियों का जन्म होता है और बच्चों में अच्छे संस्कार नहीं आते। उन्होनें कहा कि यही कारण है कि बच्चे बड़े होकर माता पिता तथा समाज का सम्मान नहीं करते इसलिए इन परम्पराओं का पालन हमें करना चाहिए जिससे बच्चों का हित होगा और समाज का हित भी होगा। इस अवसर पर महिला मण्डल की प्रधान श्रीमति मीनाक्षी गोस्वामी को उनके जन्मदिवस पर महिला भक्तों ने पगड़ी बांधी और मिठाई खिलाई। इस अवसर पर संस्था के सरपरस्त एन.एल गौंसाई,अशोक अरोड़ा,कोषाध्यक्ष संजय दत्ता,उप-प्रधान सतीश अरोड़ा,राजीव दत्त,पूूर्व पार्षद नरेश गौंसाई,पूर्व पार्षद चारू गौंसाई, पीयूष गोस्वामी, रितेष गोस्वामी, हिमांक गोस्वामी, उत्सव गोस्वामी,अमित बतरा,महिला मण्डल प्रधान मीनाक्षी गोस्वामी,रेखा आहुजा,प्रीति गौसांई,शोभा दत्ता,दीपा दत्ता,सिम्मी,रमा अरोड़ा,रमा पठानिया,चारू सतीजा इत्यादि मौजूद थे। अंत में कढ़ी चावल का भी प्रसाद बांटा गया।

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