Faridabad News, 05 Oct 2018 : हरियाणा के कुरुक्षेत्र, करनाल, पलवल, फरीदाबाद जिलों में सबसे सुंदर सांझी बनाने वाली महिला को प्रथम पुरस्कार 11000/- रुपये, द्वितीय पुरस्कार 7100/-, तृतीय पुरस्कार 5100/- रुपये देने के लिए धरोहर हरियाणा संग्रहालय के प्रभारी एवं यूनिवर्सिटी कॉलेज के हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. महासिंह पूनिया ने कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग के सांझी कला को बढ़ावा देने के लिए इस सार्थक प्रयास की सराहना की। उन्होंने कहा कि संस्कृति विभाग मैड़म धीरा खंडेलवाल तथा निदेशक श्री महेश्वर शर्मा के नेतृत्व में हरियाणा की संस्कृति को डॉक्यूमेंट करने के लिए सार्थक प्रयास कर रहा है। सांझी कला का संरक्षण उसी दिशा में एक सार्थक पहल है। डॉ. पूनिया ने बताया कि नवरात्रों में लगाई जाने वाली सांझी वास्तव में हमारी संस्कृति का हजारों वर्ष पुराना पर्व है, जिसको बालिकाएं नवरात्रों में मिट्टी के माध्यम कलात्मक स्वरूप में प्रस्तुत करती हैं। वर्तमान दौर में आधुनिकता के बढ़ते प्रभाव से सांझी कला गांवों में समाप्ति की कगार पर है। ऐसे में कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग का यह प्रयास गांवों एवं शहरों में बची इस कला के लिए मील का पत्थर साबित होगा। सांझी प्रतियोगिता के अन्तर्गत प्रतिभागियों को कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग की मेल पर सूचना देनी होगी। उसके पश्चात कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग एवं निर्णायक मंडल के सदस्य गांवों में 10 से 17 अक्तूबर के बीच जाकर सर्वश्रेष्ठ सांझी को खोजने का काम करेंगे। इस प्रकार पुरस्कार प्राप्त करने वाली महिलाओं को हरियाणा सरकार की ओर से प्रशस्ति पत्र एवं पुरस्कार राशि देकर सम्मानित किया जाएगा। निर्णायक मंडल के सदस्य डॉ. महासिंह पूनिया ने बताया कि सांझी कला को बचाने के लिए यह अपने आप में अनूठा प्रयास होगा। अभी तक सांझी को संरक्षित करने के लिए किसी भी पड़ोसी राज्य ने इस तरह का प्रयास नहीं किया है। ऐसे में सांझी कला द्वारा ग्रामीण प्रतिभाओं को सम्मान मिलेगा। सभी महिलाओं एवं पारिवारिक सदस्यों को जिनके घर सांझी बनी है उन सभी को कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग के टेलीफोन एवं ई-मेल के माध्यम से सूचना देनी होगी।