Faridabad News, 25 Dec 2018 : ओल्ड फरीदाबाद शास्त्री कालोनी स्थित शीतला माता मंदिर समिति एवं सनातन धर्म रामलीला कमेटी द्वारा आयोजित चौथी श्रीमद् भागवत कथा में श्रद्धालुओं ने आज जमकर प्रभु भक्ति का आनंद उठाया। इस अवसर पर कथा व्यास विष्णु कौशिक ने कहा कि प्रभु की भक्ति से व्यक्ति को मानसिक एवं आत्मिक शांति मिलती है। हमें प्रभु की भक्ति हेतु प्रतिदिन समय निकालकर उसका स्मरण अवश्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रभु तो भक्तों के परम मित्र, सहयोगी, पथ प्रदर्शक तथा निर्देशक होते हैं। केवल उन्हें आत्मा की आवाज से पहचानने की आवश्यकता है। धार्मिक ग्रंथ इस बात के साक्षी है कि जब-जब भक्त ने विपत्ति के समय प्रभु का स्मरण किया तो वे शीघ्र भक्त की मदद के लिए दौड़े चले आए। जिसमें द्रोपदी का प्रसंग ले या फिर सुदामा की मित्रता का वर्णन। उन्होंने कहा कि प्रभु कभी किसी पर अपना बकाया नहीं रखते। अपनी सामथ्र्य से अधिक परमात्मा भक्तों को देता है। लेकिन भक्त के पास आज प्र ाु के स्मरण का समय नहीं है। गिर्राज धरण प्रसंग पर बखान करते हुए उपाध्याय ने कहा कि जब इंद्र को अपनी शक्ति पर गुरूर हो गया था तो भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्र की पूजा को रूकवा कर गोवर्धन पर्वत की पूजा शुरू करवा दी। इससे दुखी होकर इंद्र ने ब्रिज के लोगों पर अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया, लेकिन जब इंद्र को भगवान की लीला का पता चला तो इंद्र स्वयं प्रभु के चरणों में आकर क्षमा याचना की। संगीतमय चल रही इस भागवत कथा में कार्यक्रम संयोजक मुकेश बंसल ने आज के अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर थान ङ्क्षसह चौहान, इतवारी लाल ठेकेदार एवं महिला श्रद्धालुओं सहित अनेक लोग उपस्थित थे।