Faridabad News, 13 feb 2019 : 33वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले में बुधवार को तेहरवें दिन भारी भीड़ रही। मेला देखने के लिए हजारों की तादाद में बड़े बुजुर्ग, महिलाएं, बच्चे और विद्यार्थी मेला परिसर में पहुंचे। बुधवार तक लगभग आठ लाख पर्यटक मेले में शिरकत करके जमकर खरीददारी व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद ले चुके हैं। मेला में लगाई गई स्टॉलों पर भी बुधवार को जबरदस्त भीड़ देखने को मिली। स्टॉलों पर हर कोई अपनी पसंद का सामान देख रहा था, तो कोई खरीद रहा था।
के.एल. मेहता महिला महाविद्यालय से आई छात्राओं ने बताया कि वे प्रत्येक वर्ष सूरजकुंड का मेला देखने और अपनी पसंद का सामान खरीदने के लिए आती हैं। छात्रा दृष्टिï, आकांक्षा, नीतु, नेहा, दीक्षा और तनू जो सभी बी.एस.सी. प्रथम वर्ष में पढ रही हैं। उन्होंने बताया कि मेला देखने में बड़ा आनंद आ रहा है। हस्तशिल्प मेले में विभिन्न प्रकार के उत्पादों को किस प्रकार तैयार किया जाता है, उसकी संपूर्ण जानकारी मिलती है और यह मेला तो राष्ट्रीय स्तर का नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर का है। क्योंकि सूरजकुंड मेला में विभिन्न देशों व देश के सभी प्रदेशों की हस्तशिल्प से संबंधित स्टॉलें लगाई गई हैं।
मंडी (हिमाचल प्रदेश) के नरोत्तम ने बताया कि वे पिछले 15 वर्षों से इस मेले में अपनी स्टॉल लगा रहे हैं। सूरजकुंड मेला परिसर में स्टॉल नम्बर 160 पर बैठे नरोत्तम ने बताया कि उन्होंने यहां पर शॉल, स्टोल्स, मफ्लर और जाकेट सहित अनेक प्रकार का सामान बिक्री के लिए लगा रखा है। सभी प्रकार के उत्पाद हथकरघा से तैयार किए गए हैं। उन्होंने बताया कि हमारे पूर्वज भी हस्तशिल्प का ही कारोबार करते थे। इस कार्य की बदौलत हथकरघा दिवस पर चेन्नई में आयोजित कार्यक्रम में उनको संत कबीर अवार्ड से नवाजा जा चुका है।
उन्होंने बताया कि स्टॉल पर 1500 से 80 हजार रूपये तक के शॉल बिक्री के लिए रखे गए हैं। जाकेट की कीमत 1500 से 1800 रूपये तक तथा मफ्लर 500 से 3 हजार रूपये तक के स्टॉल पर बिक्री के लिए रखे गए हैं।