Faridabad News, 13 Oct 2018 : कल रात विजय रामलीला कमेटी के इतिहासिक मंच पर बही अश्रुओं की धारा। न केवल मंच पर कलाकार बल्कि दर्शकों की आंखे नम रही। प्रथम दृश्य में चक्रवती महाराज दशरथ ने राम वियोग में प्राण त्यागे। दूसरी और केवट प्रसंग में कमेटी के सह निर्देशक अशोक नागपाल ने केवट बन भगवान को गंगा पार करवाया। अगले दृश्य में भरत ननिहाल से लौटे और अपनी माता कैकयी को अयोध्या की बर्बादी का कारण जान फूट फूट कर रोये। भरत के रोल में कमेटी के सह सचिव वैभव लरोइया ने अपने अभिनय से सबकी आँखे नम कर दी। कैकयी को धुत्कार भरत ने कौशल्या को वचन दिया कि यह गद्दी राम की है और राम ही गद्दी नाशहीन होगा। भरत रोते बिलखते हुए चले राम मनाने और अंतिम दृश्य में राम भरत मिलन ने तो जैसे सबको ही राममयी कर दिया। राम के रोल में सौरभ ने अपने खड़ाऊ दे कर भरत को किया अयोध्या के लिये विदा। राम और भरत का विछोड़ा देख दर्शक हुए भाव विभोर। आज इसी मंच पर लक्ष्मण द्वारा काटी जाएगी श्रुपनखा की नाक और होगा माँ सीता का हरण।