Faridabad News : श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर सूरजकुंड रोड स्थित श्री रामानुज संप्रदाय के तीर्थ क्षेत्र श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम (श्री सिद्धदाता आश्रम) में हजारों लोग पहुंचे। उन्होंने अपने अराध्य के दर्शन कर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने का वरदान मांगा। इस अवसर पर दिव्यधाम के अधिपति स्वामी ने भक्तों को प्रवचन भी कहे।
भारी बारिश के बावजूद श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व के मौके पर अद्भुत रोशनी में नहाए श्वेत रंग के श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम में हजारों की संख्या में भक्त पहुंचे। भक्तों ने यहां लगी झांकियों का भरपूर आनंद लिया। यहां मंदिर में सभी देव दरबारों को सुंदर फूलों से सजाया गया था। वहीं श्रीराधाकृष्ण को विशिष्ट रूप से सजाया गया था। सफेद रंग के फूलों और रंग बिरंगी लाइटों में भगवान राधाकृष्ण बड़े अलौकिक लग रहे थे।
इस अवसर पर दिव्यधाम के अधिपति अनंतश्री विभूषित इंद्रप्रस्थ एवं हरियाणा पीठाधीश्वर श्रीमद जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का जीवन हमें अपना जीवन सही तरीके से जीने के लिए प्रेरित करता है। भगवान का जन्म किन विषम परिस्थितियों में हुआ और उन्होंने किस प्रकार स्वयं को संभाला और अन्य की मदद की। उन्होंने उस समय के विश्वयुद्ध माने जाने वाले महाभारत को रोकने का प्रयास किया और शांति दूत बनकर गए लेकिन युद्ध होने की स्थिति में उसमें सक्रिय भागीदारी भी की। उन्होंने सदा धर्म की रक्षा के लिए अनेक त्याग भी किए। जो हमें सिखाते हैं कि जीवन में कभी भी हार नहीं माननी चाहिए। हारने की वो सोचते हैं जो कर्महीन होते हैं। जो कृष्ण को मानते हैं वो कर्मवीर के रूप में जीवन जीते हैं और अन्य के लिए प्रेरणा बनते हैं। उन्होंने सभी को भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की शुभकामनाएं दीं।
दिव्यधाम के बाहर दर्जन भर स्टॉलों पर भक्तों के लिए अनेक प्रकार के खाद्य पदार्थ वितरित किए जा रहे थे। वहीं सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के लिए मधुबन आट्र्स, कुमारी जीविका आदि ने सभी का मन मोह लिया। इस अवसर पर हजारों लोगों ने भोजन प्रसाद एवं आशीर्वाद प्राप्त किया।