मोरारी बापू द्वारा श्रीराम कथा शुरू, हजारों लोगों ने लिया हिस्सा

0
1188
Spread the love
Spread the love

Faridabad News : फरीदाबाद में मोरारी बापू द्वारा श्री राम कथा का आगाज हो गया है। कथा के पहले दिन 12 हजार लोगों ने हिस्सा लिया। मोरारी बापू ने मानव रचना शैक्षणिक संस्थान और भल्ला परिवार का शहर में श्री राम कथा करवाने के लिए धन्यवाद किया।

मोरारी बापू ने बताया कि वो यहां आने से पहले सोच रहे थे कि किस विषय पर यहां चर्चा की जाए। उन्होंने बताया कि वह इस नौ दिवसीय श्रीराम कथा में  मानस युग धर्म विषय पर सभी भक्तों से बात करेंगे। उन्होंने बताया कि, भगवान राम की माया से प्रत्येक व्यक्ति के ह्रदय में चारों युग रोज आते–जाते रहते हैं। जो समझदार है जीवन में चारों युग को ढूंढते हैं और अधर्म को छोड़ कर अच्छे धर्म की तरफ जाते हैं। बापू ने बताया सर्वधर्म वो है जब कोई अपना धर्म जाने। जो आज से शुरुआत करेंगे वह युगधर्म है। उन्होंने बताया सुबह उठ कर तीन घंटे सबसे जरूरी हैं, वह सद्युग के दर्शन के सक्षण, उसके बाद तीन-चार घंटे त्रेता युग के सक्षम, फिर तीन-चार घंटे द्वापपर युग के सक्षम और फिर तीन-चार घंटे कलयुग के सक्षम। रामायण के आधार पर नौ जोड़ियां हैं, जो अगर अपना धर्म समझ लें, तो पूरा विश्व और समाज शआंति से भर जाए। वह नौ जोड़ियां हैं—- राजा और प्रजा की जोड़ी, पति और पत्नी की जोड़ी, भाई और भाई की जोड़ी, बाप और बेटे की जोड़ी, अध्यापक और विद्यार्थी की जोड़ी, जीव और शीव की जोड़ी, गुरु/सद्गुरू और शिष्या की जोड़ी, बहन और भाई की जोड़ी और श्रोता और वक्ता की जोड़ी। बापू ने बताया पहले दिन की कथा में ग्रंथ की चर्चा की जाती है। रामचरितमानस की रचना शिव ने की थी। पहले सोपान में पाँच मंत्र होते हैं। पहले शिव जी की वंदना, पार्वती की वंदना, हनुमान जी की वंदना, वाल्मीकि की वंदना, मां सीता की वंदना होती है। उन्होंने कहा गुरु वंदना से मानस का पहला पाठ शुरू होता है।

कथा के दौरान बापू ने अपने अंदाज बताया कि हनुमान कभी बूढ़े नहीं हो सकते, मुझे कोई बूढ़ा कहे मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगेगा, मर जाएंगे लेकिन बूढ़े नहीं होंगे।

मोरारी बापू ने कथा सुनने आए हरियाणा कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल, रामबिलास शर्मा, बीजेपी नेता गोपाल शर्मा, पवन जिंदल, मेयर सुमन बाला समेत सभी वरिष्ठ लोगों का धन्यवाद किया। उन्होंने बताया कि, कुछ महीने पहले स्मृति ईरानी ने फोन कर विनती की, वह सीढियों पर बैठकर कथा सुनना चाहती हैं। बापू ने कहा कुर्सी पर तो पहले से ही हैं वह, उन्हें यह जानकर अच्छा लगा कि वह राम कथा का हिस्सा बनना चाहती हैं।

बापू ने बताया फरीदाबाद नगरी शेख फरीद के नाम पर है और यह फरीद निजामुद्दीन औलिया के गुरु हैं और उनके गुरु सलमी अली चिश्ती हैं। फरीदकोट और फरीदाबाद उनके नाम पर है। उन्होंने इस दौरान रमजान के पाक पर्व का भी जिक्र किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here